न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस कोविड-19 ने अप्रैल में जो कहर बरपाया, उसने पिछले तीन महीनों के सारे खौफनाक आंकड़ों को पीछे धकेल दिया। दुनिया में यूरोप के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अप्रैल के 12 दिनों में कोरोना से हुईं मौतों का आंकड़ा जनवरी-मार्च के मुकाबले ढाई गुना बढ़कर एक लाख आठ हजार तक पहुंच गया है।
वायरस की चपेट में आने वालों की तादाद दोगुने से ज्यादा बढ़ी है। वल्र्डोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से जितने लोगों ने साल के पहले तीन महीनों में जान गंवाई थी, उतनी मौतें अप्रैल के आठ दिन में ही हो गईं जबकि मरीजों की तादाद भी अप्रैल के दस दिन में दोगुना हो गई।
अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले 550,000 से अधिक हो चुके हैं। जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य में पुष्टि किए गए कोरोना वायरस मामलों की संख्या 5,54,000 से अधिक है। देश में COVID-19 संबंधित मृत्यु 21,900 से अधिक है, जिसमें अकेले न्यूयॉर्क शहर में 6,898 मौतें हुई हैं।
अमेरिका में मृत्यु का आंकड़ा पहले ही स्पेन और इटली से आगे निकल चुका है। दो यूरोपीय देश वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं। सोमवार को सुबह 5:00 बजे तक, यूएस में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 5,54,226 हुए हैं। जबकि मरने वालों की संख्या 21,994 हो गई है।
भारत की बात करें तो देश में कोरोना पीड़ितों की तादाद आठ हजार के पार पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार देर शाम जारी आंकड़ों के अनुसार, मरीजों की संख्या 9152 जबकि मृतकों की संख्या 308 तक पहुंच गई है। पिछले चौबीस घंटों में 31 की मृत्यु हो गई जबकि 918 और लोग कोरोना की चपेट में आए हैं।
25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने से पूर्व की संख्या देश में 606 थी तथा 25 मार्च के इसमें 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 12 अप्रैल को कोरोना रोगियों की संख्या 8447 तक पहुंच गई है लेकिन दैनिक वृद्धि दर 17 फीसदी से घटकर 12.4% की करीब है। जॉन हॉपकिंस युनिवर्सिटी के अनुमानों की मानें तो बड़े देशों में लॉकडाउन और इलाज के आपात इंतजामों के बावजूद अप्रैल के अंत तक कुल मरीजों की संख्या 30 से 35 लाख हो सकती है।