जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी ने उन देशों की हालत खराब कर दी है जिनकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। कोरोना संक्रमण के चलते अधिकांश देशों ने विदेशी पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा रखा है।
कोरोना संक्रमण के जोखिम को देखते हुए इंडोनेशिया ने विदेशी पर्यटकों के लिए बाली द्वीप न खोलने का फैसला किया है। दुनिया भर के पर्यटकों का पंसदीदा जगह बाली है। पहले विदेशी पर्यटकों के लिए बाली खोलने का आदेश दिया गया था लेकिन बाद में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया। अधिकारियों ने पहले कहा था कि विदेशी पर्यटक अगले महीने से आ सकते हैं।
इस फैसले के बाद यहां की अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले प्रभाव को लेकर नए सिरे से संकट के बादल छा गए हैं। यहां के लोगों के आर्थिक हालात मूल तौर पर पर्यटन पर भी निर्भर करता है।
कुछ दिनों पहले ही बाली के गर्वनर वयान कोस्टर ने अपने एक बयान में कहा था, “बाली समेत इंडोनेशिया में हालात ऐसे नहीं हैंजो अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के यहां आने के माकूल हो।” हालांकि बयान में उन्होंने यह नहीं बताया गया है कि बाली विदेशी पर्यटकों के लिए फिर से कब खुलेगा लेकिन यह जरूर कहा गया है कि 2020 के आखिर तक तो नहीं ही खुलेगा।
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गर्वनर ने यह भी कहा कि द्वीप को फिर से खोले जाने के लिए ‘विवेकपूर्ण और सावधानी पूर्वक तैयारियों’ को अंजाम देना होगा नहीं तो कोई भी चूक द्वीप के प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाएगी और इसके रिकवरी को भी नुकसान पहुंचेगा।
मालूम हो कि दुनिया भर से हर साल लाखों विदेशी पर्यटक बाली घूमने जाते है। वो यहां के खाली बीच, सीढ़ीदार धान के खेत और हिंदू मंदिरों को देखने जाते हैं।
दूसरे देशों में कोरोना महामारी की शुरुआत के साथ ही इंडोनेशिया के सीमा बंद के फैसले से यहां विदेशी पर्यटकों की तदाद में अचानक से बड़ी गिरावट आई।
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जुलाई के अंत से द्वीप ने घरेलू पर्यटकों की ओर रुखकर लिया ताकि बर्बाद होते पर्यटन उद्योग और उस पर आधारित अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके। बीच,मंदिरों और दूसरे पर्यटन स्थलों को स्थानीय पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। बावजूद इसके रेस्तरां और होटल जूझ रहे हैं। रिसॉर्ट में काम करने वाले कई सारे कामगार छोटे शहरों और गांवों की ओर लौट गए हैं और वहीं काम की तलाश कर रहे हैं।
भारत, अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों की तुलना में देखे तो बाली में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत मामूली हैं। यहां अब तक कोरोना के 4,576 मामने सामने आए हैं और सोमवार तक 52 मौतें हो चुकी हैं।
वहीं पूरे इंडोनेशिया में 155,000 से ज्यादा मामले संक्रमण के अब तक आ चुके हैं और कम से कम 6,759 लोगों की मौत हो चुकी है। यह दक्षिण पूर्व एशिया में किसी देश में कोरोना से मरने वालों की सबसे बडी संख्या है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इतने कम आंकड़े इसलिए हैं क्योंकि टेस्ट ज्यादा संख्या में नहीं हो रहे हैं।