जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी का असर अब दिखने लगा है। गरीब हो अमीर कोई भी कोरोना की मार से नहीं बच पाया है। धीरे-धीरे दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ रही है। यदि अमीर देशों की बात करें तो पहले सिंगापुर फिर जापान और अब आस्ट्रेलिया मंदी की चपेट में आ गया है। पिछले तीन दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया में मंदी है।
कोरोना महामारी ने ऑस्ट्रेलिया की तीन दशकों की आर्थिक वृद्धि को रोक दिया है। आंकड़ाके के अनुसार इस साल की दूसरी तिमाही में ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले पहली तिमाही में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
1959 के बाद से ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था में ये सबसे बड़ी गिरावट है। लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में संकुचन आने पर उसे मंदी कहा जाता है। ऑस्ट्रेलिया ही एक ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था थी जो 2008 की वैश्विक मंदी से बच पाई थी।
उस बार चीन में ऑस्ट्रेलिया के प्राकृतिक संसाधनों की मांग की वजह से आस्ट्रेलिया मंदी से बच पाया था लेकिन इस बार की वजह कोरोना वायरस की वजह से हुई तालाबंदी और इस साल की शुरुआत में जंगलों में लगी आग के कारण ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है।
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कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आस्ट्रेलिया ने भी तालाबंदी का सहारा लिया था। तालाबंदी के चलते पूरे देश में बंद पड़े कारोबार ने अर्थव्यवस्था की हालत और खराब कर दी। सरकार और सेंट्रल बैंक के उठाए गए कदमों से भी कुछ खास असर नहीं हुआ।
वस्तु एवं सेवाओं पर खर्च बहुत कम होने के कारण पिछले 61 सालों में ये सबसे खराब आर्थिक वृद्धि बन गई है। ऑस्ट्रेलिया में आखिरी बार मंदी 1990 के मध्य में आई थी जो 1991 के अंत तक चली थी।
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