जुबिली न्यूज डेस्क
भारत के लिए सऊदी अरब द्वारा हज कोटे में कटौती को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। विशेष रूप से प्राइवेट हज टूर ऑपरेटर्स के लिए निर्धारित कोटे में कमी के चलते हज़ारों तीर्थयात्रियों की यात्रा पर असर पड़ा है। इस मामले में भारत सरकार और विपक्ष आमने-सामने नजर आ रहे हैं, वहीं मुस्लिम संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
क्या है हज कोटे में कटौती का मामला?
भारत को इस साल कुल 1,75,025 हज कोटा सऊदी अरब से मिला, जिसमें से:
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1,22,518 कोटा हज समिति के जरिए सरकार द्वारा प्रबंधित है,
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जबकि 52,507 कोटा प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स (PTOs) को दिया गया है।
सरकार के अनुसार, सऊदी दिशा-निर्देशों में आए बदलावों के कारण 800 से ज्यादा PTOs को 26 CHGO (Combined Haj Group Operators) में मर्ज किया गया था। इन्हें समय रहते सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी करनी थीं, लेकिन समयसीमा का पालन न करने के कारण यह कोटा खतरे में पड़ गया।
सऊदी अरब ने क्यों की कोटा कटौती?
सरकारी बयान के अनुसार:
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सऊदी प्रशासन ने बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद, CHGOs द्वारा आवश्यक कॉंट्रैक्ट्स (ट्रांसपोर्ट, ठहरने, कैंप्स) समय से फाइनल नहीं किए गए।
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मीना में जगह सीमित है और हज के दौरान अत्यधिक गर्मी में सुरक्षा एक बड़ा मसला बन गया है।
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इसी कारण सऊदी सरकार ने कहा कि इस साल किसी देश के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।
सरकारी हस्तक्षेप के बाद मिली राहत
भारत सरकार की पहल पर सऊदी हज मंत्रालय ने 10,000 तीर्थयात्रियों के लिए पोर्टल दोबारा खोला, ताकि जो बची हुई सीटें हैं, उनका उपयोग हो सके।
Nusuk हज पोर्टल अब फिर से CHGOs के लिए खोला गया है, और मंत्रालय ने उन्हें तत्काल सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
विपक्ष ने जताई चिंता, मोदी सरकार से की अपील
इस मुद्दे को लेकर नेता विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा:
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उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “52,000 से ज्यादा तीर्थयात्रियों के लिए हज स्लॉट रद्द होना बेहद चिंताजनक है। विदेश मंत्री सऊदी अधिकारियों से बात करें।”
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फारूक अब्दुल्ला ने भी प्रधानमंत्री मोदी से सीधी बातचीत कर मामले को सुलझाने की अपील की है।
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हज कोटे का ऐतिहासिक ट्रेंड
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2014 में भारत का हज कोटा था: 1,36,020
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2025 में यह बढ़कर हुआ: 1,75,025
सरकार का कहना है कि यह वृद्धि भारत-सऊदी संबंधों और सरकार की कोशिशों का नतीजा है।