जुबिली न्यूज डेस्क
न्यूजीलैंड के राजनीतिक दल माओरी पार्टी ने एक अभियान छेड़़ा है जिसकी खूब चर्चा हो रही है और साथ में इस पर विवाद भी छिड़ गया है।
दरअसल माओरी पार्टी ने न्यूजीलैंड का नाम बदलने का अभियान छेड़ा है। पार्टी चाहती है कि देश का आधिकारिक नाम बदलकर कर आओतिएरोआ कर दिया जाए।
पिछले सप्ताह माओरी पार्टी ने एक ऑनलाइन याचिका शुरू की जिसमें दो मांगें की गई हैं। पहली तो यह कि न्यूजीलैंड का नाम बदलकर आओतिएरोआ कर दिया जाये और दूसरी देश के सारे शहरों, कस्बों और जगहों के नाम वापस वही कर दिए जाएं जो अंग्रेजों के आने से पहले माओरी काल में हुआ करते थे।
याचिका में लिखा गया है, “अब समय आ गया है कि ते रिओ माओरी को देश की पहली और आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए। हम एक पोलीनीजियन देश हैं। हम आओतिएरोआ हैं।”
ऑनलाइन याचिका में देश की संसद से मांग की गई है कि देश का नाम बदलने के साथ ही एक प्रक्रिया शुरू की जाए जिसके तहत 2026 तक देश की तमाम जगहों के वही नाम रख दिए जाएं तो ते रिओ माओरी भाषा में हुआ करते थे।
मांग को मिल रहा समर्थन
माओरी पार्टी की इस मांग को लोगों का खूब समर्थन मिल रहा है। याचिका शुरू होने के दो दिन के अंदर ही उस पर 50 हजार से ज्यादा लोग दस्तखत कर चुके थे।
पार्टी के एक नेता राविरी वाइतीती ने पत्रकारों से कहा कि इतनी तेजी से न्यूजीलैंड में शायद ही किसी याचिका को समर्थन मिला हो।
वाइतीती ने कहा, “पिछले साल के चुनाव ने हमने बताया था कि देश के 80 फीसदी लोग ते रिओ माओरी को अपनी पहचान का हिस्सा बनाने पर गर्व महसूस करते हैं। हमारी याचिका को मिला समर्थन उस बात की पुष्टि करता है। हम इसके लिए शुक्रगुजार है और कोशिश करते रहेंगे कि हमारी आवाज सुनी जाए।”
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न्यूजीलैंड में रहने वाली भारतीय मूल की सपना सामंत जो पेशे से डॉक्टर और जुनून से मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं कहती हैं कि यह एक जरूरी और सामयिक पहल है। नाम में यह बदलाव देशाहंकार या राष्ट्रवाद नहीं है। यह साम्राज्यवाद के वक्त में हुई गलतियों को ठीक करने की पहल है।”
क्यों उठी मांग?
डीडब्व्ल्यू की खबर के अनुसार माओरी लोग न्यूजीलैंड के मूल निवासी हैं। वे मानते हैं कि पूर्वी पोलीनिजिया से आए एक यात्री कूपे ने इस जगह को आओतिएरोआ नाम दिया था। इतना ही नहीं यह नाम माओरी लोक कथाओं में 1200-1300 एडी में मिलता है।
लोक कथाओं के अनुसार कूपे, उनकी पत्नी कुरामारोतिनी और उनके जहाज का चालकदल एक ऐसी जगह की खोज में निकले थे जो क्षितिज के पार हो। तब उन्हें यह सफेद बादल में लिपटी जगह मिली। उसे देखकर कुरामारोतिनी चिल्लाईं, .”हे आओ! हे आओ! हे आओतिआ! हे आओतिएरोआ!.” (एक बादल, एक बादल! एक सफेद बादल! एक लंबा सफेद बादल!)
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इसी कहानी का एक और रूप है जिसमें कहा जाता है कि कूपे की बेटी ने जमीन को सबसे पहले देखा था और उस छोटी नाव के नाम पर जगह का नाम रख दिया जो उस वक्त कूपे चला रहे थे।
जबकि मौजूदा नाम न्यूजीलैंड का जिक्र 1640 के दशक में मिलता है जब डच यात्री आबेल तस्मान ने न्यूजीलैंड का दक्षिणी द्वीप देखा था। तब इस द्वीप को नीदरलैंड्स के जीलैंड प्रांत के नाम पर न्यूजीलैंड यानी नया जीलैंड कहा गया।
एक सदी बाद अंग्रेज खोजी और यात्री कैप्टन जेम्स कुक ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का सटीक नक्शा बनाने की कोशिश की और तब इस जगह को न्यूजीलैंड के नाम से ही दर्ज किया।
क्यों है विवाद
वैसे तो आओतिएरोआ नाम न्यूजीलैंड में आमतौर पर इस्तेमाल होता है। वहां के पासपोर्ट में भी इसे प्रयोग किया जाता है, लेकिन देश का नाम बदलने को लेकर बहुत से लोग असहमत हैं क्योंकि वे आओतिएरोआ नाम की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता पर भरोसा नहीं करते।
बहुत सारे लोग मानते हैं कि आओतिएरोआ नाम न्यूजीलैंड के सिर्फ एक द्वीप के लिए प्रयोग हुआ था ना कि पूरे देश के लिए। दूसरी तरफ यह भी कहा जाता है कि माओरी लोगों ने तो कभी जमीन के नाम रखे ही नहीं, इसलिए यह नाम कुछ ही सौ साल पहले चलन में आया था।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री विन्सटन पीटर्स ने भी नाम बदलने की अपील का विरोध किया है। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “यह माओरी उग्र वामपंथियों की बकवास है। देश और शहरों का नाम बदलना एक मूर्खतापूर्ण उग्रवाद है। हम ऐसा कोई नाम नहीं रखने जा रहे जिसकी कोई ऐतिहासिक विश्वसनीयता नहीं है। हम खुद को न्यूजीलैंड ही रखेंगे।”
क्या होगा अब ?
नैशनल पार्टी के एक सदस्य स्टुअर्ट स्मिथ ने जुलाई में न्यूजीलैंड का नाम बदलने के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जब तक जनमत संग्रह नहीं हो जाता, तब तक इस नाम का औपचारिक दस्तावेजों में प्रयोग प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
फिलहाल माओरी याचिका के जवाब में भी कई याचिकाएं शुरू हो चुकी हैं जिनमें नाम बदलने का भी विरोध किया जा रहा है।
वहीं न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जसिंडा आर्डर्न ने अभी तक इस याचिका पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन 2020 में उन्होंने कहा था कि आओतिएरोआ को न्यूजीलैंड के साथ अदल-बदलकर इस्तेमाल करना एक अच्छी बात है। तब उन्होंने कहा था, “हालांकि आधिकारिक नाम बदलने की बात पर हमने अभी विचार नहीं किया है। “