अविनाश भदौरिया
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने लोकसभा में दिए अपने विवादित बयान को लेकर माफी मांग ली है, आजम खान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात के बाद माफी मांगी। पिछले हफ्ते भाजपा सांसद रमा देवी पर लोकसभा में उस समय विवादास्पद बयान दिया था जिस समय रमा देवी चेयर की भूमिका निभा रहीं थी। आजम खान के बयान की बाद में में हर पार्टी के नेताओं ने निंदा की थी।
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब आजम खान अपने बिगड़े बोल के लिए चर्चा में हैं। खान इसके पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं और अपने इस तरह के बयानों से ही वह राजनीति में कामयाब भी हैं। आजम खान के रसूख को इस बात से समझा जा सकता है कि वह मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक के कार्यकाल में पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं।
अब जब विवादित बयानों की चर्चा हो रही है तो यह भी समझना जरुरी है कि क्या सिर्फ आजम खान या समाजवादी पार्टी के नेता ही इस तरह के बयान देते हैं ? इस सवाल का जवाब है नहीं। दरअसल देश में जितनी भी पार्टियां हैं सबमें ऐसे नेता जरुर मिल जाएंगे जो विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। इस तरह के सबसे ज्यादा नेताओं की भरमार तो भारतीय जनता पार्टी में ही है। पीएम मोदी से लेकर प्रज्ञा सिंह ठाकुर, अनंत हेगड़े, नलिन कुमार कटील, साक्षी महाराज, साध्वी निरंजन ज्योति सहित कई नाम हैं जिनका विवादों से पुराना नाता रहा है।
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इन नेताओं के विवादित बयानों के बाद ख़बरें आती हैं कि फलां नेता की जुबान फिसली या फिर बोल बिगड़े लेकिन सच्चाई कहीं न कहीं ये है कि नेताओं की जुबान फिसलती नहीं है बल्कि वह जानबूझकर इस तरह के बयान देते हैं। राजनीति के विशेषज्ञ बताते हैं कि, विवादित बयानों से ही कई नेताओं का करियर चमका है। इस तरह के बयानों को मीडिया और जनता का अटेन्सन मिलता है जो कि राजनीति के लिए फायदेमंद होता है।
भारतीय राजनीति में विवादित बयान के बलबूते करियर बनाने वालों में कई बड़े नाम शामिल हैं। लालू प्रसाद यादव, बाल ठाकरे और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ऐसे नाम हैं जोकि अपने अच्छे कार्यों से ज्यादा विवादित बयानों को लेकर चर्चित हुए और राजनीति की बुलंदी तक पहुंचे हैं।
हाल ही में दिए गए कुछ प्रमुख विवादित बयान
- चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं और प्रत्याशियों के मन में जिसका सबसे ज्यादा डर रहता है वह है आचार संहिता का उल्लंघन। चुनाव आयोग हर वक्त नेताओं के भाषणों पर निगरानी रखता है, लेकिन शिवसेना के नेता संजय राउत ने इस बार आचार संहिता को ही चुनौती दे दी है। एक भाषण में उन्होंने कहा कि भाड़ में गया कानून, आचार संहिता को भी हम देख लेंगे।
- बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जल्लाद’ कहकर बिहार की सियासत को गरमा दिया था।
- हिमाचल प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर उन्हें मां की गाली दी।
- कर्नाटक के पूर्व बीजेपी विधायक राजू कागे ने विवादित बयान दिया है। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बयान पर राजू कागे ने कहा कि नरेंद्र मोदी गोरे हैं और कुमारस्वामी काले। अगर कुमारस्वामी 100 बार नहा लेंगे फिर भी वे भैंस की तरह दिखेंगे। बता दें, कुमारस्वामी ने कहा था कि पीएम मोदी अपना चेहरा चमकाने के लिए मेकअप करवाते हैं। हम सिर्फ एक बार सुबह में नहाते हैं और अगले दिन चेहरा धोते हैं।
- अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बोलते हुए हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की जुबान फिसल गई। उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी और टीआरएस अध्यक्ष व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को ‘मोदी का पालतू कुत्ते’ कहा है। उनके इस बयान के बाद घमासान मच गया है।
- भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी का गठबंधन चुनाव नतीजे घोषित होने के अगले ही दिन टूट जाएगा। नरेश अग्रवाल ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती खुद अखिलेश यादव का साथ छोड़ देंगी और वह चौराहे पर दौड़ते नजर आएंगे।
- साक्षी महाराज का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह अपने विवादित बयान की वजह से कई बार पार्टी की फजीहत करा चुके हैं, 2014 में मोदी सरकार के बनते ही साक्षी महराज ने मोदी सरकार की फजीहत कराई थी। उन्होंने नाथू राम गोडसे को राष्ट्रभक्त करार देते हुए कहा था, ‘गोडसे देशभक्त थे।’ इस बयान के बाद संसद का शीतकालीन सत्र एक सप्ताह तक नहीं चल सका था।