जुबिली स्पेशल डेस्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार और राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है। राज्यपाल धनखड़ ममता बनर्जी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
ममता बनर्जी जब से सत्ता में आई हैं राज्य उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कानून-व्यवस्था को लेकर वह लगातार ममता सरकार पर हमला कर रहे हैं। दूसरी ओर ममता भी राज्यपाल धनखड़ पर निशाना साधने का कोई मौका गवा नहीं रही है।
आलम तो यह है कि पश्चिम बंगाल में जुबाऩी जंग इतनी तेज हो चुकी है कि लोग अपनी मर्यादा की सीमाएं भी लांघते नजर आ रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा ने सोमवार को राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ को लेकर ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर वहां पर बवाल मचना तय माना जा रहा है।
मदन मित्रा ने विवादित बयान देते हुए कहा, कि वह जहां भी जाते हैं, मैं सुनता हूं कि धनखड़ को काला झंडा दिखाया। जब हम छोटे थे तो लोग कहते थे कि काला कुत्ता भौंकता है।
मुझे समझ में नहीं आता कि आखिर जनता उन्हें क्या समझती है। वह जहां भी दौड़ते हैं, यदि उसे फिल्म के सीन में दिखाया जाए तो काले कुत्ते की तरह दिखाया जाएगा। मैं जनता से अनुरोध करूंगा कि उन्हें काले झंडे की बजाय गोल्डन, लाल या कुछ और रंग के झंडे दिखाए जाएं।
मदन मित्रा ने कहा कि मुझे मालून नहीं कि आखिर जनता उन्हें क्या समझती है। वह जैसे दौड़ते हैं, यदि वह किसी सीन में आए तो दिखेगा कि काला कुत्ता भौंकता है। आखिर हर टाइम लोग उन्हें कुत्ते की तरह काला झंडा ही क्यों दिखाती है। इसलिए क्योंकि हर समय हमारे दिमाग में आता है कि काला कुत्ता भौंकता है।
दरअसल कुछ दिनों पहले यास तूफान के बाद पीएम मोदी के साथ बैठक में ममता बनर्जी के देर से पहुंचने पर खूब विवाद हुआ था। इसी को लेकर गवर्नर ने एक खुलासा किया है।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए धनखड़ ने कहा कि ममता बनर्जी ने मुझे रात 11.16 बजे मैसेज किया और कहा प्रधानमंत्री से नहीं मिलूंगी। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि सुबह एक मिनट में जो हुआ वो देख मैं हैरान रह गया था।
उन्होंने कहा कि 29 मई को अखबारों में खबर आई थी कि ममता बनर्जी की पीएम से आमने-सामने की बैठक हुई है, लेकिन ऐसी कोई बैठक नहीं हुई थी, जो हुआ वह एक मिनट से भी कम समय का था।