जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। अगस्त में लखनऊ – कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू हो जाएगा। एनएचएआई इसका निर्माण शुरू करेगा। जून के आखिर तक भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
एक्सप्रेस वे अमौसी के थोड़ा आगे से ट्रांसगंगा सिटी तक जाएगा। इस पर कानपुर का सफर लखनऊ से 45 से 50 मिनट में पूरा हो जाएगा। कानपुर एलीवेटेड हाइवे के रास्ते में 63 ग्राम पंचायतों की जमीन है। जिसे अधिग्रहित किया जाना है। सर्किल रेट के आधार पर ही सभी को मुआवजा दिया जाएगा।
कितनी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। किन- किन गांव के किसानों से जमीन ली जाएगी। इसका परिवहन मंत्रालय द्वारा गजट भी जारी कर दिया गया है। लखनऊ में सरोजनी नगर तहसील में पहला गांव पिपरसंड होगा।
अगस्त में शुरू होगा लखनऊ – कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण, 4700 करोड़ की लागत से बनेगा 63 किमी लंबा एक्सप्रेसवे
पिपरसंड तहसील के 18 गांव अधिग्रहण के दायरे में हैं। उन्नाव के हसनगंज तहसील के 4 गांव, उन्नाव की पुरवा तहसील के 18 गांव और उन्नाव तहसील के 32 गांवों का में जमीनों का अधिग्रहण होगा। एक्सप्रेस वे के 11वें किलोमीटर से ग्रामीण क्षेत्र शुरू हो जाएगा।
अब ये कहना गलत नही होगा की आने वाले दिनो में लखनऊ से कानपुर जाने वालों को सुविधा के साथ सुरक्षित सफर का आनंद मिलेगा। इस सफर के बावत जब नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया से पूछा गया तो उपयुक्त जवाब नहीं मिला।
उद्योग पकड़ेगा रफ़्तार
लखनऊ – कानपुर एक्सप्रेस वे बनने से उद्योग को रफ़्तार मिलेगी। आपको बता दे कि अगस्त से एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू होने जा रहा है, एक्सप्रेस वे बन जाने के बाद से दोनों शहरों के बीच दूरी कम हो जाएगी। दूरी कम होने से दोनों शहरों का उद्योग रफ़्तार पकड़ेगा, जिससे सरकार की आय के साथ- साथ दोनों शहरों के लोगों को भी काफी सहूलियत मिलने वाली है।
अगस्त से शुरू होगा निर्माण
लखनऊ – कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण अगस्त से शुरू होने जा रहा है। इसके निर्माण के लिए 4700 करोड़ की लागत पहले ही तय की जा चुकी है। मिली जानकारी के मुताबिक 63 किमी लंबा एक्सप्रेस वे बनाने का मसौदा पहले ही तैयार किया जा चूका था।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) ने तैयारियां पूरी कर ली है, जून के आखिर तक भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा होते ही जुलाई अंत या अगस्त से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा।