पॉलीटिकल डेस्क
राजनीतिक रूप से देश के सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की जंग लड़ने के लिए कांग्रेस कुछ नए दांव आजमा रही है, जिसके तहत कांग्रेस दलित और मुस्लिम समुदाये के कई चर्चित लोगों को पार्टी से जोड़ रही है।
प्रियंका गांधी वाड्रा के पार्टी में शामिल होने से कार्यकर्ताओं का तो बुलंद हुआ ही है, साथ ही दूसरे दलों के कई नेताओं का भी कांग्रेस में भरोसा बढ़ा है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में गहरी सेंधमारी की है।
यूपी के करीब 19 फीसदी दलित और 16 फीसदी जाटव मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस ने सपा-बसपा गठबंधन से छिटक रहे एससी, मुस्लिम, जाट और पिछड़े वर्गों के नेताओं को अपने दल में शामिल कर रही है।
सावित्री बाई फुले
बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। सावित्री बाई फुले की पहले समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन करके सबको चौका दिया। अब राहुल और प्रियंका लोकसभा चुनाव में सावित्री बाई को पार्टी का बड़ा दलित चेहरा बनाने में जुट गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस पिछड़े जाति के वोटरों को लुभाने के लिए कई बड़े दलित नेताओं और पूर्व अफसरों को पार्टी से जोड़ रहे हैं।
ओमवती जाटव
मायावती सरकार में मंत्री रहीं और 2017 विधान सभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रही ओमवती जाटव ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है। ओमवती 1985 में पहली बार कांग्रेस से विधायक से चुनी गई थी। बिजनौर और नगीना में अच्छी पैठ रखने वाली ओमवती के पति आरके सिंह रिटायर्ड आईएएस हैं। ओमवती और आरके सिंह के पार्टी में शामिल होने के बाद से कांग्रेस की बिजनौर और नगीना सीट पर दावेदारी और मजबूत हुई है।
डॉ प्रीता हरित
इनकम टैक्स विभाग की प्रिंसिपल कमिश्नर प्रीता हरित ने अपने पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है। बताया जा रहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने प्रीता हरित को पार्टी में शामिल कराया। बहुजन सम्यक संगठन की संस्थापक हरित का जन्म हरियाणा के पलवल में हुआ है। माना जा रहा है कि प्रीता हरित को कांग्रेस ने अनुसूचित जाति का नया चेहरा बनाकर उतारा है। उन्होंने 22 साल की उम्र में सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली थी।
बृजलाल खाबरी
पिछले लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड की जालौन सीट से खाबरी बसपा प्रत्याशी थे। पिछले चुनाव दूसरे नंबर पर रहे बृजलाल ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है। साथ ही पार्टी ने बृजलाल को जालौन सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया है। माना जा रहा है बृजलाल बीजेपी और गठबंधन के सपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देंगे। बृजलाल को राज बब्बर की 32 सदस्यों वाली इलेक्शन कमेटी में भी शामिल किया गया है।
कैसरजहां
सीतापुर से बसपा की पूर्व सांसद कैसर जहां और उनके पति जसमीर अंसारी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। जसमीर लहरपुर से बसपा के टिकट पर कई बार विधायक रहे हैं और वर्तमान में लहरपुर नगर पालिका परिषद के चेयरमैन हैं। सपा-बसपा गठबंधन में सीतापुर सीट बसपा के हिस्से में आई है। कांग्रेस ने सीतापुर से कैसरजहां को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2014 में इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी।
रामशंकर भार्गव
कांग्रेस ने पूर्व सांसद रमाशंकर भार्गव को लखनऊ की मोहनलाल गंज सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है। रमाशंकर इसी महीने सपा छो़ड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। रमाशंकर भार्गव के भाई हरगोविंद भार्गव सीतापुर की सिधौली विधानसभा सीट से बसपा विधायक है। यह सीट मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र में भी आती है। इस बीच शिवपाल सिंह यादव वाली प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने भी गणेश रावत को प्रत्याशी बनाया है।
चंद्रशेखर
मायावती की तरह भीम आर्मी चीफ को भी पश्चिमी यूपी और जाटव समाज में अच्छी पकड़ है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा का चंद्रशेखर से मिलने पहुंची थी, जिसके बाद कांग्रेस और भीम आर्मी के बीच गठबंधन की चर्चाएं शुरू हो गई थी।
इसके अलाव बीएसपी सरकार में मंत्री रहे देवेंद्र चिल्लू और रिटायर्ड आईएएस राम विशाल मिश्रा अपने सैकड़ों समर्थकों सहित कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके पहले गुर्जर बिरादरी के कद्दावर नेता अवतार सिंह भड़ाना भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।