जुबिली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस ने बीजेपी को टक्कर देने के लिए कमर कास ली है। इसके लिए पार्टी का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव पर स्पष्ट दिख रहा है। करीब 29 वर्षों से यूपी की सत्ता से गायब रहने के बाद कांग्रेस को अब अपने लिए संभावनाएं नजर आ रही हैं। एक ओर जहां सूबे के क्षेत्रीय दल अपनी रूम पॉलिटिक्स से बाहर नहीं निकल पा रहे वहीं दूसरी ओर प्रियंका गांधी सड़कों पर उतारकर संघर्ष कर रही हैं।
कांग्रेस की कार्यशैली को देखकर यह साफ़ समझा जा सकता है कि पार्टी यूपी से वापसी के साथ ही केंद्र की सत्ता पर लौटने की रणनीति पर काम कर रही है। शायद यही वजह है कि हाल ही में यूपी कांग्रेस का कायाकल्प किया गया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठित होने के बाद पदाधिकारियों को सबसे पहले उपचुनावों जगह जगह जिम्मेदारी दी गयी। अब जैसे ही उपचुनाव के प्रचार थम गए वैसे ही उनको प्रशिक्षण कार्यशाला के लिए 22 अक्टूबर को रायबरेली बुलाया गया है। यह कार्यशाला तीन दिनों चलेगी। सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेंगे।
आगामी रोड मैप पर होगी चर्चा, मजबूत संगठन पहली प्राथमिकता
कार्यशाला में जमीनी संगठन बनाने के बाकायदा प्रशिक्षण दिया जाएगा। संगठन निर्माण की रणनीति तय होगी कि संगठन को कैसे पूरे सूबे में मजबूत किया जाए।
तय होगी जिम्मेदारी और जबाबदेही
कार्यशाला में उपस्थित पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जबाबदेही तय होगी। नई कमेटी के हर सदस्य को एक विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जिसपर पदाधिकारी को रोजाना अपनी रिपोर्ट देना होगा। इसके साथ एक फीडबैक सिस्टम भी बनाया जाएगा जो समय समय पर रिपोर्ट और सिफारिश देगा।
विचारधारा, संस्कृति, संपर्क-संचार और दर्शन पर होगा मंथन
सूत्रों की माने तो कांग्रेस इस प्रशिक्षण कार्यशाला में आगामी रणनीतियों पर मंथन होगा। साथ ही साथ मजबूत संगठन बनाने की भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। नई कमेटी के पदाधिकारी वैचारिक प्रशिक्षण के साथ साथ लोगों से संपर्क और संचार का हुनर भी सीखेंगे। प्रशिक्षण शिविर में संस्कृति और दर्शन पर भी चर्चा होगी।
तीन दिवसीय कार्यशाला में महासचिव प्रियंका गांधी होंगी शामिल
इस तीन दिवसीय कार्यशाला में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शामिल होंगी। सूत्रों की माने तो वे कल रायबरेली पहुंच रहीं हैं। जहाँ वे अपनी उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ तीन दिन तक प्रशिक्षण कार्यशाला का हिस्सा रहेंगी।
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