जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक साल से ज्यादा का वक्त बचा है, लेकिन सूबे का सियासी पारा अभी से बढ़ा हुआ है। बीजेपी पीएम मोदी और सीएम योगी के चेहरे को आगे करके एक बार यूपी के सत्ता पर काबिज होने का प्लान बना रही है।
वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी चुनाव से पहले अपना खोया हुआ जनाधार पाने की कोशिश कर रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बीजेपी से लड़ने के लिए अपने कार्यकर्ताओं गुप्त ट्रेनिंग दे रहे हैं तो वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपनी पार्टी को यूपी में फिर से खड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
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जनता के मन में जगह बनाने के लिए प्रियंका ने कैलेंडर का सहारा लिया है। जी हां, कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा के लगभग 10 लाख कैलेंडर राज्य के प्रत्येक गांव और शहर में वितरित करने की तैयारी कर रही है। 12 पन्नों के टेबल टॉप कैलेंडर में हर पन्ने पर प्रियंका गांधी वाड्रा की तस्वीर है।
कैलेंडर में अमेठी, रायबरेली, हरियाणा, झारखंड सहित यूपी में प्रियंका गांधी द्वारा किये गए जन संपर्कों की तस्वीरें बहुत करीने से छापी गई हैं। यह सक्रिय राजनीति में डूब जाने के बाद से उसकी यात्रा को बाधित करता है और उसके विभिन्न मूड और एक राजनेता के दयालु पक्ष को भी दर्शाता है।
यूपी कांग्रेस प्रियंका गांधी जी के संघर्षों की कहानी कहने वाले कैलेंडर बांटेगी। pic.twitter.com/IBzE3mn2dO
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 21, 2021
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तस्वीरों में, प्रियंका सोनभद्र में आदिवासी महिलाओं के साथ बातचीत करती हुई दिखाई दे रही हैं। अमेठी में महिलाओं से मिल रही हैं। उज्जैन में महाकाल मंदिर में प्रार्थना कर रही हैं। लखनऊ में गांधी जयंती समारोह में भाग ले रही हैं।
वाराणसी में रविदास जयंती में भाग ले रही हैं। हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए। आजमगढ़ में बच्चों से मिलना और हरियाणा में एक रोड शो में भाग लेने जैसी तस्वीरें कैलेंडर में लगाई गई हैं।
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पार्टी सूत्रों ने कहा कि कैलेंडर को उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाएगा और 2022 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव से पहले प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी को बढ़ावा देने के लिए कवायद की गई है।
नव वर्ष के कैलेंडर को हर गांव और शहरों के हर वार्ड तक वितरित करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है। हर जिले और शहर कमेटी के लिए उसके आबादी के लिहाज से कैलेंडर दिए जा रहे हैं।
अगर सूत्रों की माने तो कैलेंडर का संकेत यह भी है कि यूपी में कांग्रेस को राजनीतिक केंद्र के मंच पर लाने के लिए प्रियंका को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जा सकता है।