Tuesday - 29 October 2024 - 6:46 AM

मेहुल चोकसी का राजीव गांधी फाउंडेशन से नाम जुड़ने पर घिरी कांग्रेस

जुबिली न्यूज़ डेस्क

मेहुल चोकसी को लेकर अभी तक मोदी सरकार को घेरने वाली कांग्रेस की अब राजीव गांधी फाउंडेशन से भगोड़े हीरा व्यापारी का नाम जुड़ने से सियासी मुश्किलें बढ़ गई हैं। जानकार बताते हैं कि मेहुल को लेकर अभी तक पीएम मोदी पर हमलावर कांग्रेस को इस मसले पर जवाब देना कठिन होगा।

बीजेपी ने सीधा आरोप लगाया कि मेहुल ने राजीव गांधी फाउंडेशन को भारी रकम दी थी। यह रकम मेहुल के स्वामित्व वाली कंपनी नविराज इस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दी गई थी। फिलहाल कितनी रकम दी गई थी इसका पता अभी नहीं चल पाया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा मेहुल चोकसी को लेकर लगाए गए आरोप से सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।

यह भी पढ़े: दुनियाभर में एक करोड़ के पार पहुंची कोरोना संक्रम‍ितों की तादाद

बता दें कि हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक समेत कई बैंकों को करोड़ों का चूना लगाकर देश छोड़कर भाग गया है। इसके फरार होने के बाद कांग्रेस अरसे से मोदी सरकार को दोषी ठहरा रही थी। राहुल गांधी स्वयं मेहुल का नाम लेकर प्रधानमंत्री पर सीधा हमला करते रहे हैं।

ऐसे में राजीव गांधी फाउंडेशन का चोकसी के साथ नाम जुड़ने से कांग्रेस सियासी तौर पर घिरती नजर आ रही है। राजीव गांधी फाउंडेशन की साल 2013-15 की रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल ने अपनी कंपनी के जरिए चंदा दिया था।

राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिले चंदे और चीन के कथित खुफिया संगठन चाइना एसोसिएसन फॉर इंटरनेशनल फ्रैंडली कांटैक्ट (सीएएफआइसी) से रिश्ते खुलने के बाद कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई है। बीजेपी के नेशनल सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि अभी तक जो जानकारियां सामने आ रही हैं उससे साबित होता है राजीव गांधी फाउंडेशन एक शेल (मुखौटा) कंपनी की तरह काम कर रहा था।

यह भी पढ़े:  फेसबुक पर करते हैं ये काम तो हो जाए सावधान

सरकारी संरक्षण देने के लिए इसके नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, विदेशी कंपनियों और सरकारों से लंबी रकम वसूली गई। साल 1992 से शुरू हुई इस इस संस्था से पिछले 18 साल में मात्र 2900 से कुछ अधिक लोगों को ही लाभ पहुंचा है। शुरुआती वर्षों में इस संस्था ने क्या काम किया इसकी जानकारी नहीं मिल रही।

भाजपा-कांग्रेस के बीच घमासान का मुद्दा बने राजीव गांधी फाउंडेशन को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में भी दिल खोलकर चंदा दिया। संप्रग सरकार के लगातार के 2004 से 2014 के बीच इस फाउंडेशन पर चंदे की बारिश होती रही।

यह भी पढ़े: तो क्या सलमान दोषी नहीं है…

यह रकम कितनी थी इसका पता तो नहीं चला लेकिन यह जरूर है कि कई कंपनियों ने तो हर साल बड़ी रकम दी। जिन कंपनियों ने उदारता पूर्वक चंदा दिया उनमें ओएनएजीसी, सेल, गेल, स्टे बैंक ऑफ इंडिया, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स, हुडको, आइडीबीआइ, खास हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com