Tuesday - 29 October 2024 - 12:17 AM

क्या कांग्रेस ने ममता को दिया जोरदार झटका

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। हाल में पश्चिम बंगाल में ममता ने जीत की हैट्रिक लगाकार वहां पर फिर से सत्ता हासिल की है। ममता की ये जीत इसलिए खास रही है क्योंकि बीजेपी ने ममता को रोकने के लिए पूरा जोर लगा दिया था।

इसके साथ ममता का कद भी इस जीत की वजह से एकाएक बढ़ गया था और उन्होंने अपने पांव राष्ट्रीयराजनीति में पासरने शुरू कर दिये हैं।

2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लडऩे के लिए पीएम मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा कौन होगा? ये सवाल अभी से पूछा जा रहा है। इसका जवाब खोजा जा रहा है लेकिन ममता बनर्जी ने अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की अगुआई करने की तैयारी में जुट गई है।

ऐसे नहीं है कि ममता अकेले अपनी दावेदारी पेश कर रही बल्कि उनके साथ कई क्षेत्रीय दल ममता के साथ आना चाहते हैं। उधर कांग्रेस ने ममता के इस सपने को तोडऩे की कोशिश करती नजर आ रही है क्योंकि सोनिया गांधी ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस किसी का पिछलग्गू बनना पसंद नहीं करेगी।

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सोनिया ने साफ कर दिया है कि यदि बीजेपी के खिलाफ कोई मोर्चा बनता है तो उसकी अगुआई यूपीए चेयरपर्सन ही करेंगी। दरअसल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने शनिवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा है कि बीजेपी से लडऩे के लिए सभी विपक्षी दलों को सोनिया गांधी की अगुआई में एकजुट होना चाहिए।

उन्होंने ममता का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से न्योता दिया गया है। उन्होंने पहले भी ब्रिगेड परेड ग्राउंड में बैठक बुलाई थी और उसमें मल्लिकार्जुन खडग़े शामिल हुए थे। वह वही दोबारा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर कांग्रेस अध्यक्ष ने अलोकतांत्रिक ताकतों से लडऩे के लिए कई बैठकों का आयोजन किया।

कई बैठकों में टीएमसी शामिल नहीं हुई, लेकिन अब देश के लोग चाहते हैं कि विपक्ष एकजुट हो। बीजेपी से लडऩे के लिए सभी दलों को सोनिया गांधी के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए।

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बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 25 जुलाई को दिल्ली आ रही है। उनके इस दौरे से एका-एक राजनीतिक पारा चढ़ता नजर आ रहा है।

माना जा रहा है कि ममता अपनी पार्टी का विस्तार चाहती है। कहने का मतलब यह है कि ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस अब पश्चिम बंगाले के बाद अन्य राज्यों में अपनी नई राजनीतिक जमीन को तलाश करने में जुट गए है।

इसके आलावा ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाना चाहती है। इस वजह से बंगाल की सीएम ममता बनर्जी 25 जुलाई को दिल्ली आने वाली हैं।

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