न्यूज डेस्क
नेतृत्व की समस्या से जुझ रही कांग्रेस वर्तमान में सबसे खराब दौर से गुजर रही है। पार्टी में गुटबाजी चरम पर है और दल दो धड़ों बंटा दिखाई दे रहा है। युवा कांग्रेस और बुजुर्ग कांग्रेस के गुट में बंटने के बाद दोनों तरफ के नेता एक दूसरे को नीचे दिखाने में लगे हैं।
साथ ही बीजेपी के मोहपाश में फंस कर कई नेता दल छोड़कर जा रहे हैं। इन सब के बीच कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन अपने बेटे राहुल गांधी पर ही उनका जोर नहीं है। महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के ठीक पहले विदेश यात्रा पर जाने का फैसला इस बात का संकेत है।
राहुल गांधी ध्यान लगाने कंबोडिया गए हैं। खबरें आ रही हैं कि वो कल भारत लौट आएंगे। लेकिन इस बीच उनके साथ-साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले नेता ही अब उनके खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं।
दरअसल, कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे पर कहा कि हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हम उस स्थिति में क्यों हैं, जिसमें आज हम हैं।
दुर्भाग्यवश हमारे पुरजोर आग्रह के बावजूद राहुल गांधी ने पद छोड़ने और अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि राहुल गांधी पद पर बने रहे लेकिन यह उनका फैसला था और हम इसका सम्मान करते हैं।
खुर्शीद ने कहा कि इतिहास में शायद यह एकमात्र मौका है जब एक बड़ी हार के कारण पार्टी को अपने नेता पर विश्वास नहीं खोना पड़ा है। अगर राहुल गांधी रुकते तो हम अपनी हार के कारणों को बेहतर समझ सकते थे।
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने पलटवार पर किया है। राशिद अल्वी ने कहा कि पार्टी के भीतर ऐसे नेता हैं, जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
राशिद अल्वी ने कहा, ‘हर दूसरे कांग्रेस नेता अलग राग अलाप रहे हैं, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। घर को आग लग गई, घर के चिराग से।’ राहुल गांधी के इस्तीफे पर राशिद अल्वी ने कहा कि राहुल गलत नहीं थे, उन्हें कुछ नेताओं का समर्थन नहीं मिला, इसलिए राहुल ने इस्तीफा दे दिया। साथ ही अल्वी ने कहा कि साल 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।