जुबिली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस पार्टी ने अपनी खोई हुई साख को वापस पाने के लिए कमर कस ली है। पार्टी में संगठनात्मक और रणनीतिक स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष के चयन में यह दिखाने की कोशिश की गई कि अब जमीनी स्तर पर संघर्ष करने वाले नेताओं को विशेष तरजीह दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रान्तीय अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने रविवार को सामने खड़ी चुनौतियों, लक्ष्यों और सम्भावनाओं पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि, नये नेतृत्व के साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस बुनियादी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिये स्थानीय स्तर के तमाम चुनावों में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगी। पार्टी का मानना है कि जनता की आकांक्षाओं और उम्मीदों पर खरी उतरकर वह न सिर्फ भाजपा की ‘एकमात्र विकल्प’ बनने बल्कि सरकार बनाने में भी कामयाब होगी।
उन्होंने बताया कि शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में तय किया गया कि छह महीने में संगठन को ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर पर बहुत मजबूत किया जाएगा। पार्टी अब ‘इलेक्ट्रो पॉलिटिक्स’ पर विशेष ध्यान देगी। चाहे वह क्षेत्र पंचायत हो, सहकारी संस्थाएं हों या जिला पंचायत हो, उन सारे चुनावों में पार्टी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसे एक अभियान की तरह शुरू किया जाएगा।
अजय ने कहा कि भाजपा का विकल्प बनने के लिये संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है। कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से कांग्रेस विधायक अजय ने कहा कि पार्टी ने 10 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिये तैयारियां तेजी से शुरू कर दी हैं। सभी सीटों पर संगठनात्मक नजरिये से सबकी जिम्मेदारी तय की गयी है। हमारा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम विफलताओं को जनता के बीच ले जाकर कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताया जाए।
कांग्रेस में नयी जान फूंकने के मंत्र के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राजनीति में मेरे तीन मूल मंत्र हैं- सम्पर्क, संवाद और संघर्ष। पार्टी इन तीनों के सहारे बहुत से रचनात्मक कार्य और सामाजिक सरोकारों के अनेक विषयों को लेकर आम जनता से व्यावहारिक बातचीत का सिलसिला शुरू करेगी।
अजय ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में सरकार हर तबके की आवाज दबाकर तानाशाही कर रही है। हमें सड़क पर निकलकर अपने कार्यकर्ताओं के दम पर जनता की आवाज बनना होगा।
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