जुबिली न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद देशभर में सियासी दंगल शुरू हो चुका है. चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत 17 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम हैं. लिस्ट में आंध्र की 5 सीट, बिहार की 3, ओडिशा की 8 और पश्चिम बंगाल की एक सीट है.
बिहार की किशनगंज से मोहम्मद जावेद, कटिहार से तारिक अनवर, भागलपुर से अजीत शर्मा, ओडिशा के बारगढ़ से संजय भोई, सुंदरगढ़ से जनार्दन, बोलांगीर से मनोज मिश्रा और कालाहांडी से द्रौपदी मांझी कांधमल से अमीर चंद नायक बेहरमपुर से रश्मी रंजन पटनायक, पश्चिम बंगाल की दार्जलिंग सीट से मुनीष तमांग को उम्मीदवार बनाया गया है. बता दें कि इस लिस्ट के साथ ही कांग्रेस अब तक 231 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है.
उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी
सीट (राज्य) | उम्मीदवार का नाम |
काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) | एमएम पल्लम राजू |
राजाहमुंदरी (आंध्र प्रदेश) | गिदुगू रूद्र राजू |
बापातला (आंध्र प्रदेश) | जेडी सीलम |
कडापा (आंध्र प्रदेश) | वाईएस शर्मिला रेड्डी |
किशनगंज (बिहार) | मोहम्मद जावेद |
कटिहार (बिहार) | तारिक अनवर |
भागलपुर (बिहार) | अजीत शर्मा |
बारगढ़ (ओडिशा) | संजय भोई |
ओडिशा (सुंदरगढ़) | जनार्दन देहुरी |
बोलनगीर (ओडिशा) | मनोज मिश्रा |
कालाहांडी (ओडिशा) | द्रौपदी माझी |
नबरंगपुर (ओडिशा) | भुजबल माझी |
कांधमल (ओडिशा) | अमीर चंद नायक |
बहरामपुर (ओडिशा) | रश्मि रंजन पटनायक |
कोरापुत (ओडिशा) | सप्तगिरी संकर उलाका |
दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) | मुनीष तमांग |
बेहद खास हैं बंगाल में कांग्रेस के उम्मीदवार
पश्चिम बंगाल में लड़ाई खास तौर पर दिलचस्प है क्योंकि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राज्य की सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिया है. दार्जिलिंग लोकसभा सीट से जिस मुनीष तमांग को मैदान में उतारा गया है वे उत्तर बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों में ख़ासा चर्चित नेता हैं. भारतीय गोरखा परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनीष तमांग गोरखालैंड आंदोलन का हिस्सा रहे हैं.
वह चार दिन पहले 28 मार्च को ही कांग्रेस में शामिल हुए थे. दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने कहा था कि मैं समग्र भारत को लेकर आगे बढ़ने के लिए कांग्रेस में शामिल हुआ हूं. बीते कई सालों से हमारे गोरखा समुदाय ने BJP को समय दिया, लेकिन उसके बदले हमारे समुदाय को धोखे के अलावा कुछ नहीं मिला. इस क्षेत्र में वह BJP के सहयोगी के तौर पर जाने जाते थे और अब जब कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं तो यहां से मौजूदा सांसद राजू बिष्ट से उनकी सीधी टक्कर होगी.