पॉलिटिकल डेस्क
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता राशिद अल्वी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस ने उनकी जगह सचिन चौधरी को अमरोहा से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि राशिद अल्वी ने अमरोह से चुनाव लड़ने का इनकार किया था।
राशिद अल्वी ने सोमवार को कहा कि वे स्वास्थ्य कारणों की वजह से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की सूचना पार्टी आलाकमान को भेज दिया था, जिसके बाद पार्टी ने राशिद अल्वी का अमरोहा सीट से टिकट काट कर सचिन चौधरी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
जाने क्यों नाराज हैं राशिद
हालांकि, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस की पहली सूची में नाम नहीं होने की वजह से राशिद अल्वी नाराज चल रहे थे। 23 मार्च की रात को उनकी उम्मीदवारी घोषित भी कर दी गई, लेकिन करीब 36 घंटे बात ही उनका टिकट काटकर सचिन चौधरी को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। उनका नाम पार्टी की 8वीं सूची में आया था। बीजेपी ने अमरोहा से कंवर सिंह तंवर और सपा-बसपा गठबंधन ने दानिश अली को मैदान में उतारा है।
कौन हैं राशिद अल्वी
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता राशिद अल्वी 1999 से 2004 तक सांसद रहे। इसके अलावा दो बार उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।
मैनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी का किला फतह करने के लिए कुछ 6 समितियां बनाई थीं। राशिद अल्वी को मैनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन बनाया है। इस कमेटी में कुल 10 सदस्य हैं।
इनमें पूर्व मंत्री प्रदीप जैन, पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद, पूर्व एमपी बृजलाल खाबरी, पूर्व विधायक गजराज सिंह और हफीजुर्रहमान, पूर्व एमएलसी हरेंद्र अग्रवाल, रिसर्च विभाग के संयुक्त सचिव हर्षवर्धन श्याम, प्रदेश यूथ कांग्रेस (पूर्वी जोन) के अध्यक्ष नीरज त्रिपाठी और एनएसयूआई पश्चिम जोन के अध्यक्ष रोहित राणा शामिल हैं।
जानें कौन हैं सचिन चौधरी
सचिन चौधरी मूलत गांव रनिया कल्याणपुर थाना बाबूगढ़ जिला हापुड़ के निवासी हैं। मौजूदा समय में नया मुरादाबाद में रहते हैं। लोकसभा चुनाव से पूर्व सचिन चौधरी ने अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान के जरिये अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। इस दौरान उन्होंने जिले में शौचालय घोटाला होने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट पर कुछ दिन आमरण अनशन भी किया था।
शुरुआत में वह सपा से टिकट पर दावेदारी जता रहे थे, लेकिन सपा-बसपा गठबंधन के बाद जब अमरोहा सीट बसपा के खाते में चली गई तो वह कांग्रेस का टिकट हासिल करने की दौड़ में लग गए।