न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है। मुस्लिम समाज के साथ हर धर्म के लोग सड़क पर उतर कर इस कानून को वापस लेने की मांग रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन को रोकने के लिए हुई पुलिसिया कार्रवाई को लेकर राजनीति भी चरम पर है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार इस मामले को लेकर यूपी की योगी सरकार पर निशाना साध रही हैं। बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा कि CAA/NRC आदि के विरोध में संघर्ष करने वाली महिलाओं समेत जिन लोगों के भी खिलाफ यूपी बीजेपी सरकार द्वारा गलत मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें तुरन्त वापस लिया जाए और इस दौरान जिनकी जान गई है तो सरकार उनकी भी उचित मदद करे, यह BSP की मांग है।
वहीं, बताया जा रहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में यूपी पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती हैं। प्रियंका गांधी यूपी में नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई की शिकायत आयोग से कर सकती हैं।
प्रियंका गांधी के साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, नेता प्रतिपक्ष आराधना मिश्रा, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया और अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस पार्टी ने यूपी पुलिस के ऊपर प्रदर्शनकारियों पर सरकार के इशारे पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी के कई शहरों में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान 18 ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। प्रियंका गांधी इसके बाद बिजनौर, मेरठ और वाराणसी में मृतकों के परिजनों से मुलाकात भी की थी।
इतना ही नहीं कांग्रेस ने हिंसा के दौरान मारे गए और गिरफ्तार लोगों को कानूनी मदद देने का भी ऐलान किया है। कांग्रेस पार्टी ने इस बाबत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ज्ञापन देकर कार्रवाई की भी मांग की थी।
पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई का आरोप लगाया था। वे लखनऊ में सीएए का विरोध कर रहे लोगों की गिरफ़्तारी को लेकर भी काफी मुखर रही थीं और सड़कों पर उतरी थीं।
लखनऊ में 19 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार कांग्रेस नेता सदफ जफ़र और आंबेडकरवादी पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी की गिरफ़्तारी की आलोचना भी की थी।
इतना ही नहीं उन्होंने दोनों के परिजनों से मुलाक़ात कर उनकी हरसंभव मदद की बात भी कही थी। अब एक बार फिर प्रियंका गांधी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में यूपी पुलिस की शिकायत कर सकती हैं।