Wednesday - 30 October 2024 - 1:57 AM

सियासत की देवियों ने योगी को घेरा

न्‍यूज डेस्‍क

उत्‍तर प्रदेश में कुछ दिन पहले सोनभद्र में हुए जनसंहार को लेकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ घिर गए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिसके बाद सूबे के मुखिया पिछले दो साल में पहली बार बैकफूट पर नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्‍तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए जनसंहार में पी‍ड़ितों से मिलने के लिए अड़ी हुई हैं। प्रियंका चाहती हैं कि उन्हें सोनभद्र के उभ्भा गांव जाने दिया जाए, वो अकेले भी नरसंहार पीड़ितों से मिलने जाने के लिए तैयार हैं। मतलब कोई तामझान नहीं चाहिए। वहीं, प्रदेश की योगी सरकार उन्‍हें गिरफ्तार कर मिलने नहीं दे रही है।

प्रियंका गांधी ने बताया कि मैंने प्रशासन को कहा है कि अगर सोनभद्र में धारा 144 लागू है तो वो किसी और जगह मुझे मिलवा सकते हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि वो पीड़ित परिवारों से मिर्जापुर या वाराणसी में भी मिल सकती हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि वो बिना मिले नहीं जाएंगी।

तीसरी बार धरने पर बैठी प्रियंका

इस बीच सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिजन से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी एक बार फिर धरने पर बैठ गई हैं। दरअसल, प्रियंका गांधी इस बात से नाराज हैं कि पीड़ित परिवार के 15 सदस्य उनसे मिलने आए लेकिन सिर्फ दो को ही अंदर आने की इजाजत दी गई और बाकी लोगों को गेस्ट हाउस के बाहर ही रोक लिया गया। दो पीड़ितों से मिलकर और उनके दर्द को सुनकर प्रियंका गांधी भावुक हो गईं।

प्रियंका गांधी ने कहा कि जिनसे मिलने के लिए मैं आई थी, अब उन्हें मुझसे मिलने आना पड़ा फिर भी प्रशासन ने 13 लोगों को मुझसे मिलने नहीं दिया। प्रियंका ने कहा, आखिर महिला पीड़ित परिजनों से मिलने पर प्रशासन को क्या आपत्ति है।

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नरसंहार पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाकर प्रियंका संदेश देना चाह रही है कि कमजोरों के साथ हमेशा मजबूती से कांग्रेस का हाथ रहेगा, दूसरी ओर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने का कांग्रेस को अच्छा मौका मिल गया है।

लेकिन बीजेपी सरकार प्रियंका को रोकने का प्रयास कर रही है। दूसरी ओर कांग्रेस कार्यकर्ता अब इस मुद्दे को प्रदेश समेत पूरे देश में उठा रहे हैं। देश के कोने-कोने से कांग्रेस हाथों में तख्तियां लेकर प्रियंका गांधी के समर्थन में उतर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, किसान कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरे देश में बीजेपी कार्यालयों के बाहर विरोध जताएंगे। प्रियंका का इस एक्शन से सियासी पार्टियों में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। फिलहाल तो प्रियंका मिर्जापुर में जमी हुई हैं और सपा और बसपा भी सोनभद्र नरसंहार के मुद्दे पर अपनी रणनीति बनाने में जुटी गई हैं।

शनिवार को टीएमसी नेता डेरेक ओबेरायन के नेतृत्व में ये चारों सांसद सोनभद्र पहुंच रहे है। जानकारी के मुताबिक टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज यूपी के सोनभद्र का दौरा करेगा। इसमें सुनील मंडल, अबीर रंजन बिस्वास और उमा सरेन है. ये प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों से मुलाकात करेगा।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए किसी को सोनभद्र नहीं जाने दे रही है। उसे डर है कि उसकी विफलताओं के बारे में सभी को पता चल जाएगा।

जिले में लगी धारा-144

इससे पहले मिर्जापुर के कमिश्नर आनंद कुमार सिंह ने मिर्जापुर और भदोही जिले के डीएम को पत्र लिखकर सोनभद्र जिले में किसी भी विशिष्ट व्यक्ति, राजनीतिक और गैर-राजनीतिक व्यक्ति के प्रवेश के लिए अपने जिले में मार्ग रोकने का निर्देश दिया है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में बुधवार को हुए जनसंहार मामले में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मिर्जापुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और चुनार गेस्टहाउस में रखा। देर रात तक अफसरों का मिर्जापुर गेस्ट हाउस आनाजाना लगा रहा उन्हें मनाते रहे लेकिन प्रियंका गांधी ने भी साफ कर दिया कि वह नरसंहार पीड़ितों से मिले वगैर वापस नहीं लौटेंगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के एक दांव ने योगी सरकार की नींद गायब कर दी है। रातभर यूपी सरकार के बड़े-बड़े अफसर चुनार किला में बने गेस्ट हाउस के चक्कर काटते रहे। प्रियंका गांधी को मनाने की कोशिश करते रहे कि वो सोनभद्र जाने की जिद छोड़ दें।

प्रियंका को मनाने वाराणसी जोन के एडीजी, कमिश्नर और डीआईडी पहुंचे। लेकिन, प्रियंका ने इन सभी आलाधिकारियों से साफ-साफ कह दिया कि वह बिना सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों से मिले वापस नहीं लौटेंगी।

बता दें कि शुक्रवार को प्रियंका गांधी ने सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों से मिलने का फैसला किया। वाराणसी के रास्ते सोनभद्र के लिए रवाना हुईं। सोनभद्र के कलेक्टर ने जिस उभ्भा गांव में नरसंहार हुआ वहां और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा दी।

इसके बाद प्रियंका को मिर्जापुर पुलिस ने नारायनपुर पहुंचते ही रोक लिया। ऐसे में प्रियंका ने पुलिसवालों से रोने जाने की वजह पूछी और धरने पर बैठ गईं। बाद में उन्हें धारा 144 का उल्लंघन करने पर हिरासत में लेकर चुनार किला में बने गेस्ट हाउस लाया गया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत 10 लोगों पर शांति भंग करने की आशंका में आईपीसी की धारा 151 और 107/16 लगाई गई है। प्रियंका को हिरासत में रखा गया है।

प्रशासन की दलील है कि ये जमानती धारा है। वहीं, प्रियंका ने दो टूक कह दिया है कि न जमानत लेंगी न बिना नरसंहार पीड़ितों से मिले वापस लौटेंगी। एक के बाद एक कई ट्वीट्स प्रियंका गांधी ने किए।

प्रियंका गांधी के ट्वीट्स

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि यूपी सरकार ने एडीजी वाराणसी बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मीरजापुर, डीआईजी मिर्जापुर को मुझे ये कहने के लिए भेजा कि मैं यहां से पीड़ित परिवारों से मिले बगैर चली जाऊं। सब एक घंटे से मेरे साथ बैठे हैं। न मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है न कागजात दिए।

वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आई थी। सरकार के दूतों से कहा है कि बगैर मिले मैं यहां से वापस नहीं जाऊंगी।’

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