न्यूज डेस्क
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक बार पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर मंथन हो रहा है। शनिवार को पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक बार फिर मनाने की कोशिश की गई। हालांकि, राहुल गांधी कांग्रेस के नेताओं की बात मानने से इनकार कर दिया।
बैठक में राहुल गांधी ने जवाब दिया, ‘मैंने तय कर लिया है, मैं अध्यक्ष नहीं रहना चाहता, मेरा फैसला अडिग है, आप लोग नया अध्यक्ष चुनिए।’ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई बैठक में ज्यादातर नेताओं ने राहुल गांधी का ही नाम दिया। वहीं कुछ नेताओं ने राहुल गांधी के इनकार करने के बाद प्रियंका गांधी का नाम भी आगे बढ़ाया।
राहुल गांधी ने ये भी कहा कि आप लोग ये मत सोचिए कि, मैं अध्यक्ष नहीं रहूंगा तो सक्रिय नहीं रहूंगा। आप लोग गलत समझ रहे हैं, मैं पहले से कई गुना ज्यादा सक्रिय रहूंगा। जनता के बीच ज्यादा रहूंगा। वक्त भी मेरे पास ज्यादा रहेगा। इसलिए आप लोग नया अध्यक्ष चुन लीजिए।
मीटिंग के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है और इसका नेतृत्व करने के लिए राहुल गांधी ही एक मजबूत व्यक्ति हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सभी ने राहुल गांधी से अध्यक्ष बने रहने की अपील की, लेकिन उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने से इनकार कर दिया।
सुरजेवाला ने बताया कि अध्यक्ष चयन के लिए पांच कमेटी बनाई गई हैं। ये कमेटी रात को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। बताया जा रहा है कि शनिवार रात करीब 8 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की फिर से बैठक होगी और एक बार फिर अध्यक्ष पद के नाम पर मंथन होगा। अंतरिम अध्यक्ष चुनने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति को जिन पांच भागों में बांटा गया है, वे जोन हैं:
वेस्ट जोन
वेस्ट जोन में गुजरात, दादर नगर हवेली, दमन दिव, गोवा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मुम्बई और राजस्थान शामिल हैं। इस जोन में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, एके एंटनी, सिद्दरामैया, जितिन प्रसाद, कुलदीप विश्नाई और श्रीनिवासन बी वी शामिल हैं।
ईस्ट जोन
ईस्ट जोन में सोनिया गांधी, तरुण गोगोई, कुमारी शैलजा, केसी वेणुगोपाल, जितेंद्र सिंह, आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया, दीपेंद्र हुड्डा, शक्तिसिंह गोहिल शामिल हैं. इस जोन में देश के बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल है।
नार्थ जोन
नॉर्थ जोन में प्रियंका गांधी, अविनाश पांडे, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीसी चाको और आशा कुमारी शामिल है। इन जोन में दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्य आते हैं।
नार्थ ईस्ट जोन
नार्थ ईस्ट जोन में अम्बिका सोनी, अहमद पटेल, हरीश रावत, दीपक बाबरिया, मीरा कुमार, ओमान चांडी और सचिन राव शामिल हैं। इस जोन में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल है।
साउथ जोन
साउथ जोन में मनमोहन सिंह, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, राजीव साठव, अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं। इस इलाके में आंध्र प्रदेश, कर्णाटक, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, लक्षद्वीप और पुदुचेरी शामिल है।
जोन के नेता अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और सचिवों से बात करेंगे। इस चर्चा के बात के बाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष का ऐलान किया जाएगा।
इससे पहले बैठक शुरू होने के बाद जोन के हिसाब से सुझाव के लिए बनी नेताओं की पांच टीमों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम आने के बाद दोनों ही नेताओं ने ऐतराज दर्ज किया। सोनिया गांधी ने कहा कि वो और राहुल गांधी अध्यक्ष के चुनाव की प्रकिया का हिस्सा नहीं हो सकते है।
इसके बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से बाहर चले गए हैं। बाहर आकर सोनिया गांधी ने कहा कि अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया में राहुल व उनका नाम डालना सही नहीं है। सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि कमेटी की लिस्ट में राहुल और उनका नाम गलती से आ गया था।
बहरहाल, अब देखना होगा कि रात आठ बजे जब पांच ग्रुप अपनी रिपोर्ट CWC के सामने रखते हैं तो किसका नाम कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सामने आता है।
दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक गांधी परिवार मध्य आयु वर्ग के किसी ऐसे शख्स को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष चुनना चाहती है जिसे संगठन चलाने का अनुभव हो। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस लिहाज से मुकुल वासनिक अंतरिम अध्यक्ष की रेस में अपने प्रतिद्वन्दियों सुशील शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे से आगे निकल जाते हैं।
कौन हैं मुकुल वासनिक
मुकुल वासनिक मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। 27 सितंबर 1959 को जन्मे वासनिक की पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई महाराष्ट्र में हुई है। महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं में से एक मुकुल वासनिक के राजनीतिक जीवन की शुरुआत एनएसयूआई से हुई थी। मुकुल वासनिक सबसे लंबे समय तक लगातार कांग्रेस महासचिव रहे हैं। इसके अलावा मुकुल वासनिक राजीव गांधी फाउंडेशन के भी सदस्य रहे हैं, इससे साफ होता है कि वह गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं।
मुकुल वासनिक के पिता बालकृष्ण वासनिक महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में से एक थे। उनके पिता बालकृष्ण वासनिक बुलढाना से सिर्फ़ 28 साल की उम्र में सांसद चुने गए थे। अपने पिता का रिकॉर्ड तोड़ते हुए वासनिक ने महज़ 25 साल की आयु में लोकसभा का चुनाव जीता था। उस समय वह सबसे कम उम्र के सांसद थे।
उनके पिता तीन बार बुलढाना से सांसद रहे। पिता के बाद मुकुल वासनिक ने बुलढाना की अपनी पारंपरिक सीट से 1984, 1991 और 1998 में लोकसभा चुनाव जीता था।
1984 से लेकर 1986 तक वह कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई और 1988 से लेकर 1990 तक भारतीय यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। 2008 में उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ। इसे मात देते हुए वह स्वस्थ होकर लौटे और उन्होंने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा।
2009 में उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट बुलढाना को छोड़ दिया और रामटेक से लोकसभा चुनाव जीता। उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बनाया गया। इस समय वह कांग्रेस महासचिव हैं और गांधी परिवार के काफ़ी क़रीबी माने जाते हैं। दो पूर्व प्रधानमंत्री, नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम कर चुके वासनिक को सांगठनिक और प्रशासनिक कौशल के लिए जाना जाता है।