जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस के असंतुष्ट समूह कहे जाने वाले जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद को लेकर एक बड़ी जानकारी सामना आ रही है। दरअसल उनको जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष की नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
बीते सप्ताह ही जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद अब नए अध्यक्ष की खोज शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद की अहम भूमिका हो सकती है और उन्हें पार्टी राज्य में संगठन को खड़ा करने के लिए फ्रीहैंड दे सकती है।
कल इसको लेकर केसी वेणुगोपाल और रजनी पाटिल के साथ मीटिंग भी हो चुकी है। इस मीटिंग में कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला, पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद, मूला राम, बलवान सिंह, बलबीर सिंह, रविंदर शर्मा, मनोहर लाल, योगेश साहनी और विकार रसूल भी शामिल थे हालांकि गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी मौजूद नहीं थे लेकिन आज की बैठक में शामिल हो सकता है।
गुलाम नबी आज़ाद का दर्द यह है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री की भूमिका से लेकर इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया और जब तमाम दिग्गज पार्टी को छोड़कर चले गए तब भी उन्होंने कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा।
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बिहार के एक क्षेत्रीय दल ने जब उनसे अपनी पार्टी से राज्यसभा जाने की पेशकश की तो भी उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया, फिर आखिर वह कौन सी वजह रही जो कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजने में दिलचस्पी नहीं ली।हालांकि आज़ाद ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि जब पूरी ज़िन्दगी कांग्रेस के साथ गुजारी है तो उम्र केक इस पड़ाव पर पार्टी नहीं छोड़ेंगे।