Monday - 28 October 2024 - 12:35 AM

विभाजनकारी नीतियों के लिए याद किया जाएगा योगी का कार्यकाल

रफ़त फ़ातिमा

आज आदित्य नाथ योगी की सरकार ने तीन साल पूरे कर लिये हैं। केवल क़ानून व्यवस्था के आधार पर योगी सरकार का मूल्यांकन करा जाये तो स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। यह हालात जब हैं कि तथाकथित तौर पर पुलिस को खुली छूट दे रखी है, स्पष्ट है कि केवल SC, ST, OBC, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कमज़ोरों के विरुद्ध और उनके मौलिक अधिकारों के हनन के लिये पुलिस का इस्तेमाल हो रहा है। इन परिस्थितियों में आम आदमी की सुरक्षा की बात करना अर्थहीन है।

सबका साथ सबका विकास का खोखलापन अब किसी से भी छुपा नहीं है। विभिन्न सड़कों के निर्माण सम्बंधित आँकडों की पोल खोलने के लिए यह कहना काफ़ी है कि सड़क के गड्डे अभी भी वैसे ही हैं।भ्रष्टाचार का स्वरूप बदल चुका है जिसका सर्वत्र बोल बाला है और बहुत ही मुखर हो चुका है।

उत्तर प्रदेश सरकार का स्ट्रक्चर पूरी तरह फ़ासिवादी है जहां नागरिकों के मौलिक अधिकार रौंदे जा रहे है। यदि कोई सही बात कहने की कोशिश करता है तत्काल उसे देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है।

बेरोज़गारी अपनी चरम सीमा पर है और नौजवानों को धर्म के नाम पर गुमराह करने की लगातार कोशिश जा रही है ताकि रोज़गार का मुद्दा ग़ायब हो जाये।अपनी दूषित मानसिकता के वशीभूत होकर विशेष समुदाय को आर्थिक चोट पहुँचाने की कोशिश में प्रदेश के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति शोचनीय करने का कार्य अंजाम दिया है। प्रदेश में कारोबार चौपट हो चुका है, छोटे कारोबारी समूहों के साथ बड़े प्रतिष्ठान भी योगी सरकार की ग़लत और विभाजनकारी नीतियों का ख़ामियाज़ा भुगतने को मजबूर हैं।

बिजली आपूर्ति की समस्या ज्यूँ की त्यों है और इस मुद्दे पर सरकार के दावे भ्रमित करने वाले हैं जबकि वास्तविकता यह है कि गरीबों का बिजली का बिल फर्जी तरीके से तैयार किया जा रहा है।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार तो दूर की बात है अपनी अदूरदर्शिता और ग़लत वरीयताओं की वजह से शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है।

यह भी पढ़ें : योगी की ईमानदार छवि ने बढ़ाया सम्पूर्ण भारत में यूपी का सम्मान

इन्वेस्टर समिट की चर्चा आवश्यक है क्योंकि योगी सरकार इस मुद्दे पर अत्यधिक गुमराह कर रही है।सच्चाई यह है कि मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में निवेश तो बिलकुल ही नहीं हुआ है। सरकार द्वारा प्रस्तुत आँकड़े किसी भी तरह ज़मीनी वास्तविकता से मेल नहीं खाते।

योगी सरकार का यह तीन वर्ष का कार्य-काल केवल इसकी विभाजनकारी नीतियों, महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, अदूरदर्शिता, जनंदोलन के प्रति निरंकुशता, फ़ासिवादी परिवृत्तियों के उभार के लिये याद किया जायेगा।

यह भी पढ़ें : 3 साल का “योगी काल”

श्री योगी प्रदेश की भाजपा सरकार के ऐसे प्रथम मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने तीन वर्ष का कार्य-काल पूरा किया है, ऐसा इसलिये सम्भव हुआ कि यह अपनी पार्टी की विचारधारा के अनुरूप एक कट्टरवादी नेता की छवि बनाये हुए हैं।

(लेखिका आल इंडिया कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग की कोऑर्डिनेटर हैं)

यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने बताया- यूपी सरकार ने 3 साल में क्या‍ किया

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com