जुबिली न्यूज़ डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार एक भी सीट नहीं मिलने की वजह से कांग्रेस में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। कोई शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठा रहा है, तो कुछ नेता पार्टी में नए बदलाव की बात कर रहे हैं।
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इसी कड़ी में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी को अब नए तरीके से सोचने और कार्य करने की जरूरत है।
सिंधिया ने कहा, “यह हमारी पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक है। पार्टी में एक नई विचारधारा और एक नई कार्यप्रणाली की तुरंत जरूरत है। देश बदल चुका है, इसलिए हमें भी नए तरीके से सोचने और देश की जनता से जुड़ने का विकल्प चुनना होगा।”
सिंधिया के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे सिंधिया की बगावत के तौर पर देख रहे हैं तो वहीं कुछ लोग उनका समर्थन भी करते नजर आ रहे हैं। फ़िलहाल कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व इसे कैसे देखता है यह देखना अभी बाकि है।
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बता दें कि सिंधिया गुरुवार को पृथ्वीपुर के दौरे पर थे। यहां उनके खेमे के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और पृथ्वीपुर से विधायक व मंत्री ब्रजेंद्र सिंह प्रमुख रूप से शामिल रहे। इसके पहले उन्होंने ओरछा में श्रीराम राजा सरकार मंदिर भी गए और वहां पर दर्शन किए। वह यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
प्रणब मुखर्जी की बेटी ने भी उठाए हैं सवाल
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी पार्टी की हार पर आलाकमान सहित राज्य इकाई के नेताओं पर बड़े सवाल खड़े कर चुकी हैं। शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर कहा था- सर, मैं जानना चाहती हूं- क्या कांग्रेस ने भाजपा को हराने का काम राज्य की पार्टियों को आउटसोर्स किया है? यदि नहीं, तो हम अपनी हार को लेकर चिंतित होने की बजाय आप की जीत पर क्यों खुश हो रहे हैं? अगर ऐसा है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बंद कर देना चाहिए।
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