न्यूज डेस्क
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का विवादों से पुराना नाता है। वह जब भी मुंह खोलते हैं विवाद हो ही जाता है। वह जानबूझकर ऐसा करते हैं या उनसे गलती से ऐसा हो जाता है, यह तो वही बेहतर जानते होंगे, लेकिन कभी-कभी उनके गैरजिम्मेदाराना बयान उनकी वरिष्ठता को शोभा नहीं देते।
मंगलवार को मुहर्रम के मौके पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर मुस्लिमों को सलामी दी। फिर क्या, उनके इस ट्वीट के बाद वह ट्रोल होने लगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन समेत कई यूजर्स ने दिग्विजय सिंह को ट्वीट कर याद दिलाया कि मुहर्रम दुख का दिन है। अब सवाल उठता है कि दिग्गी राजा जैसे वरिष्ठ नेता, जो मध्य प्रदेश के सीएम भी रह चुके हैं, क्या सच में उन्हें जानकारी नहीं है कि मुहर्रम में बधाई नहीं दी जाती।
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दरअसल, कांग्रेसी नेता ने मुहर्रम को ‘पावन अवसर’ बताते हुए मुसलमानों को ‘सलामी’ दी थी। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘सभी मुस्लिम भाईयों और बहनों को मुहर्रम के पावन अवसर पर हमारा सलाम।’
उनके ट्वीट के बाद बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह आज दुख का दिन है। इतना भी नहीं मालूम आपको दिग्विजय जी।’ कांग्रेस नेता के इस ट्वीट के बाद कॉमेंट की बाढ़ सी आ गई।
सभी मुस्लिम भाईयों और बहनों को मुहर्रम के पावन अवसर पर हमारी सलाम।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 10, 2019
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ट्रोल हुए दिग्गी
एक यूजर बसंत लडारिया ने लिखा, ‘इनके लिए तो हर दिन वोट का दिन होता है। दुख का दिन हो या खुशी का दिन।’ वहीं सैयद अजीम ने लिखा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री साहब किसी से मालूम ही कर लेते की मुहर्रम की मुबारकबाद नहीं दी जाती।
एक दूसरे यूजर दीपक लाहिरी ने लिखा, ‘यह कोई पावन मौका नहीं है बल्कि गम का मौका है।’
गौरतलब है कि सातवीं शताब्दी में हजरत इमाम हुसैन के करबला की जंग में शहीद होने की याद में मुसलमान मुहर्रम मनाते हैं। इस दिन मुसलमान ताजिया निकालते हैं। इस्लामिक कलेंडर में यह महीना पवित्र माना जाता है।
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