न्यूज़ डेस्क
राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रचंड जीत के बाद रविवार को पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने सीएम पद की शपथ ले ली। सोमवार को अरविन्द केजरीवाल कैबिनेट की बैठक भी करेंगे। हालांकि केजरीवाल की जीत से कांग्रेस पार्टी में हलचल बढ़ गई है।
इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक भी सीट न जीत सकी। उसके बाद भी पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग देखने को मिल रही है।
दरअसल आम आदमी पार्टी के चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने तारीफ़ की है। इस पर कई नेता आपस में ही बयानबाजी कर रहे हैं जिससे कांग्रेस पार्टी के नेताओं में फूट पड़ती नजर आ रही है। इस लिस्ट में अब मुंबई कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा और अजय माकन भी शामिल हो गये हैं।
बीती रात कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने दिल्ली राज्य सरकार के द्वारा रेवेन्यू के मोर्चे पर काम की तारीफ की है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, ‘एक ऐसी जानकारी साझा कर रहा हूं जो कि बहुत ही कम लोग जानते हैं। केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच साल में रेवेन्यू को डबल कर दिया गया है और अब ये 60 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। दिल्ली अब भारत का सबसे आर्थिक रूप से सक्षम राज्य बन रहा है।’ उनके इस ट्वीट को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रिट्वीट भी किया।
मिलिंद देवड़ा का ये ट्वीट करना कांग्रेस नेता अजय माकन को पसंद नहीं आया। और उन्होंने इस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि ‘भाई, अगर आपको कांग्रेस पार्टी छोड़नी है, तो छोड़ सकते हैं। फिर आधे पके तथ्यों को ठीक करें।’
Sharing a lesser known & welcome fact — the @ArvindKejriwal-led Delhi Government doubled its revenues to ₹60,000 crore & maintained a revenue surplus over the last 5 years.
Food for thought: Delhi is now one of India’s most fiscally prudent governments pic.twitter.com/bBFjbfYhoC
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) February 16, 2020
इसके साथ अजय माकन ने कुछ डाटा साझा किया।
1997-98 (रेवेन्यू) 4073 करोड़
2013-14 (रेवेन्यू) 37459 करोड़
कांग्रेस सरकार के दौरान 14.87 फीसदी रेवेन्यू बढ़ा
2015-2016 (रेवेन्यू) 41129
2019-20 (रेवेन्यू) 60000
आप सरकार के दौरान 9.90 फीसदी रेवेन्यू बढ़ा
बता दें कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर लगातार फ्री चीज़ें बांटने का आरोप लगता है। इसमें उन्हें टैक्सपेयर्स के पैसे को इस तरह बांटने का आरोप लगाया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में दिल्ली सरकार ने 5,236 करोड़ रुपए के रेवेन्यू सरप्लस का अनुमान रखा है। जबकि पिछले साल का अनुमानित रेवेन्यू सरप्लस 4,931 करोड़ रुपए था।