न्यूज डेस्क
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। दरअसल, कश्मीर पर डोलाल्ड ट्रंप के बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान की मांग को लेकर कांग्रेस अड़ी हुई है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सदन को शिमला समझौते की याद दिलाई और कहा कि इस समझौते के तहत कश्मीर मामले में भारत और पाकिस्तान के अलावा कोई तीसरा देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
सदन में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री और ट्रंप के बीच ओसाका में क्या बात हुई इस पर जवाब मिलना चाहिए। पीएम मोदी के सदन में इस पर सफाई देनी चाहिए क्योंकि सदन ही नहीं बल्कि पूरा देश यह जनना चाहता है। चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी को सफाई देनी चाहिए क्योंकि ट्रंप ने इसे गलत बयान नहीं कहा है और न ही पीएम मोदी ने इसे खारिज किया है। वह अपने मंत्रियों को भेज रहे हैं।
LS LoP @adhirrcinc addresses the house on the claims that the PM invited US President Donald Trump to mediate the Kashmir issue. pic.twitter.com/LMspZyHEgs
— Congress (@INCIndia) July 24, 2019
अधीर ने कहा कि देश घोड़े के मुंह से सच जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम चाहते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आकर ट्रंप की बात का जवाब दें और हमारी शंका को दूर करें। सत्तापक्ष हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है और पीएम मोदी को सदन में बयान देना चाहिए।
वहीं जब लोकसक्षा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपना बयान देना शुरू किया, वैसे ही कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध स्वरूप वॉक आउट कर दिया। स्पीकर ने विपक्षी सांसदों से अपील करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री का बयान सुनकर जाएं।
LS LoP @adhirrcinc addresses the house on the claims that the PM invited US President Donald Trump to mediate the Kashmir issue. pic.twitter.com/LMspZyHEgs
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राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों ने वादाखिलाफी की है और सत्तापक्ष की बात सुने बगैर ही चले गए। रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच जब बात हो रही थी तब विदेश मंत्री जयशंकर खुद वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर के सवाल पर किसी की मध्यस्थता स्वीकार करने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि यह शिमला समझौते के विपरीत होगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का विषय है और हम मध्यस्थता किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं कर सकते। पाकिस्तान के साथ सिर्फ कश्मीर पर नहीं बल्कि PoK पर भी बातचीत होगी।