न्यूज डेस्क
कर्नाटक में जारी सियासी संकट किस ओर जाएगा, इसकी तस्वीर आज साफ हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में आज बागी विधायकों और विधानसभा स्पीकर की याचिका पर सुनवाई करेगा। इसके अलावा आज विधानसभा का भी सत्र शुरू होने जा रहा है। इस बीच एचडी कुमारस्वामी अपनी सरकार को किस तरह बचा पाते हैं, ये देखना होगा।
दूसरी ओर जब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही होगी, तभी कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुरू होगा। विधानसभा का मॉनसून सेशन 12 जुलाई से 26 जुलाई तक चलेगा। कांग्रेस-जेडीएस की तरफ से अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर दिया गया है। ताकि अगर वोटिंग की नौबत आए तो कोई दिक्कत ना हो। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि वह इस्तीफा क्यों देंगे, जबकि वो तो बहुमत में हैं।
सूत्रों की माने तो कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर रमेश कुमार ने आज 3 और विधायकों को मिलने का समय दिया है। इनमें आनंद सिंह, प्रताप पाटिल और नारायण गौड़ा शामिल हैं। अभी तक कुल 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। गुरुवार को कुल 10 विधायकों ने स्पीकर से मुलाकात की थी।
जानकारों की मानें तो बीजेपी इस बार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। इसीलिए पार्टी ने कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ मुहिम तो छेड़ दी है, लेकिन वह फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पार्टी बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने का इंतजार कर रही है। इस्तीफा मंजूर होने के बाद 225 सदस्यीय विधानसभा में 209 सदस्य रह जाएंगे। ऐसे में 105 विधायकों वाली पार्टी इस अंकगणित के अनुसार पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े को छू लेगी।
ऐसे में माना यह जा रहा है कि रणनीति के तहत इस पूरे घटनाक्रम से पल्ला झाड़ रही भाजपा राज्यपाल आदि से मुलाकात कर धीरे-धीरे माहौल बनाने में जुटी है। वहीं दूसरी तरफ इस्तीफा देने वाले विधायक अपना इस्तीफा मंजूर कराने के प्रयास में सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं।
सर्वोच्च अदालत से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक, निर्णय चाहे जो भी हो, लेकिन मॉनसून की बारिश के बीच कर्नाटक में सियासी तपिश कम होती नजर नहीं आ रही। सारे सवालों का जवाब आने वाला वक्त देगा, लेकिन वर्तमान सियासी घटनाक्रम कुमारस्वामी सरकार की विदाई की ओर ही संकेत कर रहा है।