जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ; कांग्रेस पार्टी यूपी में जातीय जनगणना के मुद्दे को धार देने में जुटी है. कांग्रेस आरक्षण में 50% की लिमिट को समाप्त करने की मांग कर रही है. कांग्रेस की मांग है कि पिछड़ों को उनकी आबादी के अनुपात से आरक्षण मिलना चाहिए. इसीलिए आरक्षण के लाभ के लिए जातीय जनगणना ज़रूरी है.
इसके अलावा 2024 के चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर सम्मेलनों की शुरूआत कर रही है. यह सम्मेलन जुलाई में सभी मंडलों में आयोजित किए जाएंगे, इसके बाद ज़िलों में सम्मेलनों का आयोजन होगा.
OBC आरक्षण बढ़ाओ सम्मेलन की शुरुआत
कांग्रेस पार्टी मथुरा में शनिवार 17 जून को OBC आरक्षण बढ़ाओ सम्मेलन की शुरुआत करेगी. वहीं, 18 जून को कानपुर में भी यही सम्मेलन होगा. कांग्रेस की मंशा है कि ओबीसी वोटर्स को अपने पाले में लाया जाए. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस कार्य कर रही है. अगर कांग्रेस अपनी रणनीति में सफल होती है तो सपा की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है.
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सपा जातीय जनगणना में फेल
यूपी में करीब 23 फीसदी दलित और 40 फीसदी पिछड़ा वोट है. इसमें बड़ी संख्या में पिछड़ा वोट भाजपा के पास है. दलित वोट में सेंधमारी कर चुकी है. इसलिए विघानसभा चुनाव 2022 में बसपा को सिर्फ 13 फीसद वोट मिले थे. सपा ने जातीय जनगणना के मुद्दे के सहारे यादव के अलावा अन्य पिछड़े मतदाताओं को साधने की कोशिश में थी.