जुबिली स्पेशल डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हाल में पांच राज्यों में कांग्रेस कोई कमाल नहीं कर सकी। पंजाब में उसकी सरकार चली गई जबकि अन्य राज्यों में कांग्रेस बुरी तरह से पराजित हुई है।
इस हार को लेकर पार्टी मंथन कर रही है और फिर से पार्टी में कई बदलाव करने की बात कह रही है। सोनिया गांधी इस समय ज्यादा सक्रिय है और पांच राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों से इस्तीफा ले लिया है और पार्टी को मजबूत करने के लिए नई रणनीति बनाने में जुट गई है।
उधर कांग्रेस के जी-23 के असंतुष्ट खेमा भी अब पहले से ज्यादा एक्टिव हो गया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर 18 नेताओं की बैठक होने की खबर है।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में जी-23 के नेताओं ने भी भाग लिया है। इस बैठक में कुछ और लोगों की बात सामने आ रही है। इस बैठक में नेताओं ने सामूहिक और समावेशी लीडरशिप की मांग की है। मीटिंग में गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनाने या फिर संगठन चुनावों को लेकर कोई मांग नहीं की गई।
बैठक में ये नेता हुए शामिल
बैठक में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, अखिलेश प्रताप सिंह, शंकर सिंह बघेला, शशि थरूर, एम.ए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा प्रेणित कौर, पी जे कुरियन, और मणिशंकर अय्यर शामिल रहीं।
बैठक के बाद एक संक्षिप्त बयान भी जारी किया गया। बयान में सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की बात कही गई. साथ ही इसमें पार्टी को बीजेपी से मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ आने की समझाइश दी गई। बयान में स्पष्ट संदेश दिया गया कि अब संघर्ष विराम अतीत की बात थी। अब बागी नेता पार्टी कार्यकर्ताओं के पास जाएंगे।