जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और पंचायत चुनाव का एलान हो चुका है। इससे पहले कांग्रेस यूपी में अपनी स्थिति को मजबूत करने में जुट गई है। इसी क्रम में मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन का विस्तार किया है।
इसमें जातीय समीकरणों का ध्यान रखते हुए तीन नए उपाध्यक्ष, 13 नए महासचिव और 53 सचिव बनाए गए हैं। पार्टी यूपी के 75 जिलों को कवर करना चाह रही है, इसके लिए अब कार्यकर्ताओं को संगठन में पद दिया गया है।
कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि जब पार्टी में पदाधिकारियों संख्या बढ़ेगी तो बूथ स्तर तक पार्टी की पहुंच होगी। इसके साथ ही नए विस्तार में प्रदेश के पुराने कांग्रेसियों को जगह दे कर उनकी नाराजगी को भी दूर करने का प्रयास किया गया है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से मंगलवार को उत्तर प्रदेश के तीन नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में विश्वविजय सिंह, गयादीन अनुरागी और दीपक कुमार को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसी प्रकार 13 नए महासचिव और 53 सचिव बनाए गए हैं।
बता दें कि प्रदेश में पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय जाट नेता पंकज मलिक, संगठन के मजबूत कार्यकर्ता योगेश दीक्षित, अंसारी चेहरा के बतौर विधायक सुहेल अंसारी, कुर्मी आधार वाले नेता वीरेंद्र चौधरी और पूर्वांचल में ब्राह्मण के बतौर ललितेश पति त्रिपाठी को उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया था।
अब इसमें तीन नाम और जुड़ गया है। पश्चिमी यूपी में जाटव जाति से आने वाले दीपक कुमार, बुंदेलखंड से दलित चेहरा के तौर पर कोरी समाज के गयादीन अनुरागी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। गोरखपुर के आसपास एक जुझारू नेता के तौर पर जाने जाने वाले प्रदेश महासचिव विश्वविजय सिंह को महासचिव से प्रमोट करके उपाध्यक्ष बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विस्तार के बाद अब हर जिले का एक प्रभारी सचिव होगा। महानगरों में अतिरिक्त प्रदेश सचिव लगाने की भी रणनीति है। अब प्रदेश के 75 जिलों में एक-एक सचिव होंगे और लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर जैसे महानगरों में संगठन के कामकाज के लिए जिले से इतर सचिव लगाए जाएंगे ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके।
यूपी पीसीसी के विस्तार में कई नौजवान कार्यकर्ताओं को मौका मिला है। अंकित धनविक, वसीम अंसारी, अभिषेक पटेल, सदाशिव यादव, राहुल त्रिपाठी जैसे युवा कार्यकर्ताओं को प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी मिली है। दूसरी तरफ त्रिभुवन नारायण मिश्रा, विश्वविजय सिंह, मनिंदर मिश्रा, फूल कुंवर और संजीव शर्मा जैसे नेताओं की जिम्मेदारियां पीसीसी में बढ़ा दी गयी हैं।