Sunday - 3 November 2024 - 1:09 AM

योगी के गढ़ में कांग्रेस ने ऐसे मचायी खलबली


मल्लिका दूबे

गोरखपुर। अपने ही गढ़ में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कुछ ज्यादा ही बढ़ दीं। भोजपुरी फिल्मों के बड़े कलाकार रवि किशन शुक्ला की भाजपा प्रत्याशिता के साथ उन्हें जिताकर अपनी प्रतिष्ठा बचाने को जूझ रहे मुख्यमंत्री योगी के सामने गठबंधन के जातीय समीकरणों को तोड़ने के साथ नयी चुनौती कांग्रेस द्वारा खेले गये ब्राह्मण कार्ड से मिल गयी है।

जैसा कि यहां चर्चाओं में पहले से ही माना जा रहा था, कांग्रेस ने यहां ब्राह्मण प्रत्याशी उतार दिया है। प्रत्याशी भी ऐसा जो वकालत पेशे से ताल्लुख रखने वाला न केवल रसूखदार है बल्कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल का मेम्बर भी। नाम-मधुसूदन तिवारी।

जुबिली पोस्ट की खबर पर लगी मुहर

जुबिली पोस्ट ने ‘बाबा” के गढ़ में कांग्रेस को बाबा की तलाश शीर्षक से अपनी स्टोरी में तथ्यपरक तरीके से यह उम्मीद जता दी थी कि योगी आदित्यनाथ के गढ़ समझे जाने वाले गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस ब्राह्मण प्रत्याशी उतारेगी। बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने यूपी की दो संसदीय सीटों से प्रत्याशी घोषित किए तो पहला नाम वाराणसी से अजय राय का तथा दूसरा गोरखपुर से बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के सदस्य मधुसूदन तिवारी का था।

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कांग्रेस के ‘ब्राह्मण नमन” से बीजेपी बैचे

गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में उप चुनाव में मिली हार से परेशान बीजेपी ने कैंडीडेट भले ही रवि किशन शुक्ला के रूप में बड़े प्रोफाइल का दिया है। लेकिन उसके सामने तगड़ी चुनौती सपा-बसपा गठबंधन के जातीय समीकरणों से है। गठबंधन ने यहां से पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाया है।

गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में निषाद, यादव, मुस्लिम, दलितों का वोट जुटा तो बीजेपी की राह बहुत कठिन हो सकती है। इस बीच कांग्रेस ने चुनाव में ब्राह्मण नमन करके बीजेपी के वोट बैंक को अपने पक्ष में साधने की कोशिश की है।

कांग्रेस के ब्राह्मण प्रत्याशी को भाजपा व योगी आदित्यनाथ से नाराज होने वाले ब्राह्मण मतदाताओं के लिए एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। ऐसा भी माना जा रहा है कि रवि किशन शुक्ला को टिकट देने के बाद भी ब्राह्मण का एक तबका योगी-बीजेपी से नाराज चल रहा है। इस बात से शायद ही कोई इनकार करे कि कांग्रेस को पिछले चुनावों में मिले वोटों से जितना भी अधिक वोट मधुसूदन तिवारी को मिलेगा, वह बीजेपी के ही कोटे से निकलेगा।

प्रभावी इमेज है कांग्रेस प्रत्याशी मधुसूदन तिवारी की

गोरखपुर से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए मधुसूदन तिवारी न केवल ब्राह्मण हैं बल्कि एक पेशेवर अधिवक्ता के रूप में उनकी इमेज भी प्रभावी है। वह गोरखपुर में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में यूपी बार काउंसिल के मेंबर भी हैं। क्राइम के अनुभवी अधिवक्ताओं में गिने जाने वाले मधुसूदन सजातीय हमपेशा लोगों में लोकप्रिय हैं तो उनकी निजी क्लाइंटेज नेटवर्क भी तगड़ी मानी जाती है।

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