जुबली न्यूज़ डेस्क
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार के 100 दिन पूरे होने पर प्रदेश कांग्रेस की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा एवं पीसी शर्मा ने इस दौरान शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, यह जनमत से चुनी हुई नहीं बल्कि खरीदी हुई, जुगाड़ वाली ‘आऊटसोर्स’ सरकार है। यह किसान विरोधी, एक कमरे से चलने वाली, वीडियो कांफ्रेंस वाली, झूठ बोलने वाली, आधी अधूरी अवैधानिक सरकार है।
जिसने अपने 100 दिनों में महामारी से जूझती जनता की सेवा नहीं की उसने आटा के पैकेट से आटा चुराया, डाक्टरों के लिये अमानक पीपीई किटें खरीदीं, उत्तरप्रदेश के गरीबों का चुराया गेहूं खरीदा, निजी अस्पतालों मे जबरिया लोगों को भर्ती किया सरकारी अस्पताल खाली रहे। प्रदेश का 15 साल का पला पुसा माफिया फिर सक्रिय हो गया है। तीन महीने में ही अमित शाह के झूठे फोनों से नियुक्तियां होने लगीं, मुख्यमंत्री की नकली नोटसीटें बनने लगीं हैं और पूरा प्रशासन आत्मनिर्भर हो गया है।
मध्यप्रदेश की जनता सरकार बनने के 100 दिन बाद भी मंत्रिमंडल का इंतजार कर रही है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि 100 दिन की सरकार के बाद भी मंत्रिमंडल का ठीक से गठन तक नहीं हो सका है। यह सब भाजपा के अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है।
यहां तक कि प्रदेश को महामारी के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के लिए 30 दिनों का इंतजार करना पड़ा। मुख्यमंत्री को मंत्रिमंडल गठन का विशेषाधिकार होता है, फिर भी मुख्यमंत्री पूरे देश में बस्ता ले कर घूम रहे हैं उसके बाद भी वो मंत्रिमंडल की घोषणा नहीं कर पा रहे हैं । इसका मतलब है कि एक पंगु मुख्यमंत्री प्रदेश की कमान सम्हाल रहा है।
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मप्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री एनपी प्रजापति जी, पूर्व मंत्री श्री सज्जन वर्मा जी, श्री पीसी शर्मा जी एवं श्री जीतू पटवारी जी की संयुक्त प्रेसवार्ता। #लोकतंत्र_पर_कलंक_BJP https://t.co/UvvmCmmNTY
— MP Congress (@INCMP) June 30, 2020
इसके साथ ही एक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के 100 दिन के कार्यकाल में 70 प्रतिशत आईएएस और 50 प्रतिशत आईपीएस के ट्रांसफर किये गए हैं जो खुद में एक रिकार्ड है। कुल 227 आईएएस का ट्रांसफर किया गया है। इससे साफ है कि मुख्यमंत्री विचलित हैं और उनका सरकारी अधिकारियों पर से भरोसा पूरी तरह उठ गया है। जिन जिलों में कोरोना के कारण स्थिति गंभीर थी, वहां पर भी सरकार ट्रांसफर कर उद्योग चलाने में व्यस्त थी। यहां तक कि सरकार ने अनेक बार ट्रांसफर करके तुरंत कैंसिल भी किये जो बताता है कि सरकार के ट्रांसफर उद्योग को कोई पर्दे के पीछे से चला रहा है।
भाजपा सरकार में पिछले 100 दिनों में मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति बिगड़ती जा रही है। आज मध्यप्रदेश में 13 हजार से अधिक केस हैं और 500 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश में लंबे समय से प्रतिदिन 200 से अधिक केस आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना के मृत्युदर 4।2 प्रतिशत है जो देश में तीसरे नंबर पर है। हमारी सरकार से मांग है कि कोरोना पर सरकार ‘श्वेत पत्र’ जारी करे।
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