अविनाश भदौरिया
कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। लोग कही सुनी बातों को तो भूल जाते हैं लेकिन तस्वीरें मन मस्तिष्क में ऐसी छाप छोड़ती हैं कि उनका असर आखिर तक बना रहता है। चाहे आजादी का आन्दोलन हो या राम मंदिर आन्दोलन लोग आज भी इसे अपने जहन में बैठाए हुए हैं ये तस्वीरों का ही तो कमाल है। खैर ये तो बात है इतिहास की लेकिन इस वक्त चर्चा में हैं कुछ नई तस्वीरें।
ये तस्वीरें हैं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की। कभी कार्यकर्ताओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई की तरह साहसी बनकर सामने आ खड़ी होने वाली प्रियंका तो कभी पुलिसिया दुर्व्यवहार को बर्दाश्त करती प्रियंका फिर एक दुखी मां को ढांढस बंधाती बेटी के रूप में प्रियंका। तरह-तरह के रूपों में नजर आई यह प्रियंका लोगों के मन में बस गई है। आज सोशल मीडिया से लेकर गली नुक्कड़ तक सभी जगह अगर कोई चर्चा कर है तो बस प्रियंका गांधी की।
इस घटना का इतना व्यापक असर हुआ है कि विरोधी भी प्रियंका गांधी के इस जुझारूपन के कायल हो गए हैं। मेरे एक मित्र हैं जो कि बीजेपी समर्थक है जब उन्होंने मुझसे कहा कि अगर प्रियंका गांधी के साथ काम करने का मौका मिले तो वो भी अब कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं। उनके साथ हुए दुर्व्यवहार पर वह दुःख जताते हैं और कहते हैं कि भले ही कांग्रेस राजनीति करने हाथरस गई हो लेकिन योगी सरकार को उस दलित परिवार और प्रियंका गांधी जैसी बड़ी नेता के साथ ऐसा सलूक नहीं करना चाहिए था।
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अपने इस मित्र की बातें सुनने के बाद ही मेरे मन में ख्याल आया कि पिछले कई मुद्दों पर भी कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर संघर्ष किया है लेकिन इस संघर्ष में कहीं न कहीं कुछ अलग है। फिर इसे समझने के लिए गांव और राजधानी से दूर के माहौल को समझने के लिए कई और लोगों से बात की।
संतोष श्रीवास्तव जो कि बहुत अधिक राजनीति में इंटरेस्ट नहीं रखते और सामाजिक मुद्दों पर शार्ट फिल्म बनाते हैं। उनका मानना है कि हाथरस की घटना के बाद ऐसा लगा कि कांग्रेस में बदलाव तो हुआ है।
वो आगे कहते हैं, पहले की कांग्रेस में अब की कांग्रेस में अंतर तो है। बीते कुछ वर्षों में गायब सी होती जा रही कांग्रेस अब दिखने लगी है। प्रियंका गांधी और अजय कुमार लल्लू के आ जाने से लोग कांग्रेस में उम्मीद देखने लगे हैं।
बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर जनपद से कांग्रेस जिला महासचिव डॉ अभिन्दन सिंह भदौरिया से जब पूछा कि आपके नेताओं के इस संघर्ष से आप क्या महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि अब हमें ऐसा लग रहा है कि 2022 के चुनाव में हमारी पार्टी की न सिर्फ सीटें बढ़ेगी बल्कि हम सरकार भी बना लेंगे।
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उन्होंने कहा कि अभी तक पार्टी के कार्यकर्ता ही आयोजनों या कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते थे लेकिन अब तो हमारे पास अन्य पार्टी के लोग भी आ रहे हैं जो हमसे जुड़ना चाहते हैं। जो लोग कल तक हमारी बातों पर हँसते थे अब वो हमारी हाँ में हाँ मिला रहे हैं। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व से हम सभी लोगों में नया उत्साह जागा है।
कुलमिलाकर देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी अभी चुनाव में भले ही बहुत अच्छे परिणाम न हासिल कर सके लेकिन एक बात सपष्ट हो गई है कि जिस तरह प्रियंका गांधी की तस्वीरे इंटरनेट पर सुर्खियां बटोर रही है। उसके बाद उत्तर प्रदेश में बाजी पलटती दिख रही है। प्रियंका गांधी ने साबित कर दिया है कि राज्य में असली विपक्ष वही हैं और भविष्य की बड़ी नेता हैं। एक मजबूत विपक्ष कैसा होना चाहिए इस तस्वीरों ने लोगों को इतना तो बता ही दिया है।
हाथरस जाते समय पुलिस की लाठियों के सामने जिस तरह प्रियंका आईं उसने लोगों को इंदिरा गांधी की याद दिला दी है । इंदिरा गांधी की कई छवियां जनता के और खासतौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओ के मन में स्थाई हैं। अब उसी तरह ये तस्वीरें भी लोगों के मन में बस गईं हैं।
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