जुबिली न्यूज़ डेस्क
मध्यप्रदेश कांग्रेस में आपसी खीचतान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ पार्टी नेता दिग्विजय सिंह के ट्विटर पर हुई कहासुनी इन दिनों चर्चा में है।
बता दें कि दिग्विजय सिंह ने सीएम कमलनाथ के नाम ट्विटर पर एक संदेश लिखा था, सीएम कमलनाथ ने इसके पूरे 11 घंटे बाद उन्हें ऐसा जवाब दिया है कि अब शायद ही कभी दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया के जरिए उनसे बातचीत करने की कोशिश करें।
मुख्यमंत्री कमलनाथ अक्सर अपने भाषणों में कहते हैं कि मेरी चक्की देर से पीसती है लेकिन महीन पीसती है। आज सीएम कमलनाथ ने अपनी पिसाई का एक नमूना पेश किया है।
दिग्विजय सिंह ने लिखा था
यह चित्र है भोपाल इंदौर हायवे का जहॉं आवारा गऊ माता बैठी रहती हैं और लगभग हर दिन ऐक्सिडेंट में मर जाती हैं। कहॉं हैं हमारे गौ माता प्रेमी गौ रक्षक? मप्र शासन को तत्काल इन आवार गौ मात को सड़कों से हटा कर गौ अभ्यरण या गौ शालाओं में भेजना चाहिये। यदि कमल नाथ जी आपने तत्काल ऐसा कर के दिखा दिया तो आप सच्चे गौ भक्तों में गिने जायेंगे, और तथा कथित भाजपाई नेताओं को नसीहत मिलेगी।
कमलनाथ ने जवाब दिया
प्रिय दिग्विजय सिंह जी, आपने भोपाल- इंदौर हाईवे पर बैठी, दुर्घटना का शिकार हो रही गौमाता का ज़िक्र किया। इनको लेकर सरकार को कुछ करना चाहिये तो आपकी जानकारी के लिये बता दूँ कि मैंने अभी कुछ दिनो पूर्व ही प्रदेश के सभी प्रमुख मार्गों पर जहाँ बरसात के मौसम में खेतो की मिट्टी गीली होने की वजह से गौमाता सड़कों पर आकर बैठती है और वाहन दुर्घटना का शिकार होती है, उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अधिकारियों को एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये है।
1000 गौशालाओं का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। अगले वर्ष तक 3000 गौशालाएँ बनाने का लक्ष्य है।गौशाला बनने के बाद ही गौमाता के सड़कों पर बैठने पर कमी आयेगी। मैं इसको लेकर ख़ुद चिंतित हुँ। हम प्रमुख शहरों को आवारा पशु मुक्त बनाने की योजना पर भी काम कर रहे है।यह भी सच है कि हमारे लिये गौमाता सिसायत नहीं आस्था व गौरव का प्रतीक है। गौमाता की रक्षा व संवर्धन के लिये जो कार्य वर्षों में नहीं हो पाये है, वह हम करना चाहते है।
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