न्यूज डेस्क
शिवसेना प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद संजय राउत अपने ही बयान में फंस गए हैं। बुधवार को इंदिरा गांधी को लेकर एक बयान दिया और जब उस पर संग्राम छिड़ गया तो सफाई में जुट गए। अपने विवादित बयान पर आज एक बयान जारी कर राउत ने कहा कि इंदिरा गांधी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का वह बहुत सम्मान करते हैं।
15 जनवरी को शिवसेना नेता संजय राउत ने यह कहकर बवाल खड़ा कर दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं। अंडरवर्ल्ड के पुराने दिनों को याद करते हुए राउत ने कहा कि दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर महानगर और आस-पास के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे।
उन्होंने एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में दिए गए साक्षात्कार में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि दाऊद जैसे लोग यह तय करते थे कि पुलिस आयुक्त कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा। साक्षात्कार में शिवसेना नेता राउत ने यह भी दावा किया था कि हाजी मस्तान के मंत्रालय में आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था। इंदिरा गांधी पाइधोनी (दक्षिण मुंबई में) में करीम लाला से मिलने आती थीं।
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राउत के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में विवाद बढ़ता देख राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि करीम लाला दूसरे नेताओं से भी मिलते थे। राउत ने कहा कि कई राजनेता करीम लाला से मिलने आते थे। तब वक्त अलग था। करीब लाला पठान समुदाय के नेता थे जो अफगानिस्तान से आए थे। इसलिए लोग पठान समुदाय के समस्या के मामले में उनसे मिलते थे।
वहीं दिग्गज कांग्रेसी नेता मिलिंद देवरा ने राउत के इस बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि इंदिरा गांधी सच्ची देशभक्त थी और उन्होंने कभी भारत की सुरक्षा से समझौता नहीं किया। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘पूर्व मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते में संजय राउत से मांग करता हूं कि वो अपने बयान वापस लें। राजनीतिक नेताओं को मृत प्रधानमंत्रियों की विरासत को विकृत करने से पहले संयम दिखाना चाहिए।’
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