जुबिली न्यूज डेस्क
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और देश में मचे हाहाकार पर दुनियाभर के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगानिस्तान के हालात पर चिंता व्यक्त किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेश ने तालिबान और दूसरे ग्रुप से अपील की है कि वो आम नागरिकों की जान बचाने की कोशिश करें।
वहीं संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि आने वाले समय में यहां महिलाओं के अधिकारों को लेकर यूएन चिंतित है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्रअफगानिस्तान में शांति चाहता है।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटरेश ने एक ट्वीट कर कहा कि अफगानिस्तान में जारी संघर्ष और मानवाधिकार के गंभीर उल्लंघन की खबरों के बीच वहां से हजारों लोग पलायन कर रहे हैं। यहां सालों बाद महिलाओं और लड़कियों को मिले मानवाधिकारों को बचाए जाने की जरूरत है।
I’m deeply concerned about the situation in Afghanistan & urge the Taliban & all others to exercise utmost restraint to protect lives & ensure humanitarian needs can be met.
The @UN remains determined to contribute to a peaceful settlement & promote human rights of all Afghans.
— António Guterres (@antonioguterres) August 15, 2021
उधर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वो चाहते हैं कि दूसरे मित्र देश जल्दबाजी में तालिबान सरकार को मान्यता न दें।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा है कि तालिबान के हाथों सत्ता के हस्तातंरण के लिए एक कोऑर्डिनेशन काउंसिल का गठन किया गया है जिसमें उनके अलावा तालिबान के साथ शांति वार्ता में शामिल अब्दुल्ला अब्दुल्ला और 80 के दशक में मुजाहिदीनों की अगुवाई करने वाले गुलबुद्दीन हिकमतयार शामिल हैं।
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एक जमाने में गुलबुद्दीन हिकमतयार को ‘बुचर ऑफ काबुल’ यानी काबुल का कसाई कहा जाता था। अफगानिस्तान के इतिहास में वे सबसे विवादित हस्तियों में से एक हैं।
हामिद करजई ने रविवार को ट्वीट पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वो अपनी तीन बेटियों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। वीडियो में उन्होंने अफगान सरकारी सेना और तालिबान से आम नागरिकों के हितों की रक्षा करने की अपील की ।
हामिद करजई ने कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ कर जाने से एक तरह का ‘खालीपन’ बन गया है।
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उन्होंने कहा कि उन्होंने पूर्व नेताओं से संपर्क कर इस बात पर चर्चा की है कि अब आगे क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि “देश का अगला प्रशासन नागरिकों के समर्थन से चलेगा।”