न्यूज़ डेस्क
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मोदी सरकार लगातार सख्त कदम उठाये हुए है। इस कड़ी में इस बार केंद्र सरकार केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के करीब 22 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। ये सभी अधिकारी टैक्स डिपार्टमेंट के हैं। बता दें कि इससे पहले भी टैक्स विभाग के ही 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर किया गया था।
एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, CBIC ने 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। इसमें सभी अधिकारी जिनको रिटायर किया गया है। वो सभी सुपरिटेंडेंट और एओ रैंक के थे। ये फैसला फंडामेंटल रूल 56 (J) के तहत किया गया है।
Central Board of Indirect Taxes & Customs (CBIC) has compulsorily retired yet another 22 senior officers of the rank of Superintendent/AO under Fundamental Rule 56 (J) in the public interest, due to corruption and other charges. pic.twitter.com/848fScXJdG
— ANI (@ANI) August 26, 2019
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी जून में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया था। इनमे सभी अधिकारी CBIC के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त रैंक के थे। इनमें से ज्यादातर के खिलाफ भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही टैक्स विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया था। यानी अब तक कुल 49 अधिकारियों को जबरन रिटायर जा चुका है।
क्या है फंडामेंटल नियम 56
दरअसल, इस नियम का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों के लिए किया जाता है जिनकी उम्र 50 से 55 साल हो चुकी है और वो 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार के पास यह अधिकार है कि वह ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दे सकती है। इसके पीछे सरकार का मकसद नॉन-परफॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है। ऐसे में सरकार यह फैसला लेती है कि कौन से अधिकारी काम हैं या नहीं।