न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बीते दीपावली की रात हुई मनीषा राय की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मनीषा की मौत कैसे हुई इसकी गुत्थी अभी तक पुलिस सुलझाने में नाकामयाब रही है। दिलचस्प बात ये है कि घटना के तीन माह बीत चुके है और अब तक मामले की जांच हो रही है।
हैरान करने वाली बात यह है कि ये वही पुलिस है, जिसने मनीषा राय की मौत की तीन दिन बाद ही मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी और अब घटना के तीन माह बाद भी इस मामले की गुत्थी पुलिस नहीं सुलझा पाई है।
जाने पूरा मामला : महीने बीतने को लेकिन हत्या की गुत्थी न सुलझा पायी गाजीपुर पुलिस
मृतका के भाई अभिषेक आनंद का कहना है कि मैंने PMO की साइट पर इस मामले की शिकायत की गई। पुलिस ने इस मामले में जवाब दिया कि उन्होंने मामले का निस्तारण कर दिया है, जबकि मामले की अभी भी जांच चल रही है। अभिषेक ने कहा कि मैंने DSP से भी पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नही दिया।
बताते चलें कि बिहार के रहने वाले स्वार्गिय अखिलेश राय ने अपनी बेटी की शादी रेवतीपुर निवासी अभिशेष राय पुत्र उमेश राय के साथ 20 अप्रैल 2016 को धूम-धाम से की थी। मृतका का एक दो साल का बेटा भी है। 27 अक्टूबर 2019 को दीपावली की रात गाजीपुर के रौजा इलाके में आवास विकास कॉलोनी निवासी मनीषा राय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
जिसके बाद मृतका के भाई अभिषेक राय ने मनीषा के ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया। अभिषेक का कहना है कि मेरी बहन की स्वाभाविक मौत नहीं है। उसे मारा गया है। दहेज के लालच में मेरी बहन को ससुरालवालों ने मार दिया।
हालांकि पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद मनीषा की मौत को सामान्य मौत बताते हुए तीन दिन के अंदर मामले की क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। न्याय के लिए भटकते अभिषेक ने मामले की शिकायत पीएमओ पोर्टल पर की। पीएमओ की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में पुलिस ने कहा कि उन्होंने मामले का निस्तारण कर दिया है, जबकि मामले की अभी भी जांच चल रही है।