न्यूज़ डेस्क
देश के टॉप थ्री अमीरों में शुमार अनिल अंबानी की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही है। संकट में फंसी उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन के कर्जदाताओं ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से नए रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति करने और कर्जदाताओं की समिति गठित करने की अपील की है।
अनिल अंबानी समूह की कंपनी के लिए दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में ये पहला कदम है। कंपनी पर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले 31 बैंकों के गठजोड़ का 50,000 करोड़ रुपये का बकाया है। संकट में फंसी रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऋणदाताओं ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से नए निपटान पेशेवर की नियुक्ति करने और ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) गठित करने की अपील की है। सोमवार को आरकॉम का शेयर 4.55 फीसदी की तेजी के साथ 2.3 रुपए पर पहुंच गया।
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इस बीच, आरकॉम ने मौजूदा निपटान पेशेवरों के जरिये दिवाला प्रक्रिया में 13 माह की छूट देने को कहा है। इसके लिए कंपनी ने अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय से मिले स्थगन का हवाला दिया है। निपटान पेशेवर ने 30 मई, 2019 तक की अवधि के लिए छूट मांगी है, क्योंकि शुरुआती दिवालिया कार्रवाई पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने स्थगन दिया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर स्थगन दे दिया।
संकट में फंसी आरकॉम को करीब दो साल पहले अपना परिचालन बंद करना पड़ा था। कंपनी ने रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम बेचकर दिवाला प्रक्रिया से बचने का प्रयास किया लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया तथा सरकार की ओर से मंजूरियों में देरी से इसमें अड़चनें आईं।
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इसके अलावा कंपनी सार्वजनिक रूप से रियल एस्टेट और स्पेक्ट्रम संपत्तियों के मौद्रिकरण के जरिये बैंकों का पैसा लौटाने के सार्वजनिक तौर पर किए गए वादे को भी पूरा नहीं कर पाई। पिछले महीने कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी उच्चतम न्यायालय की अवमानना के मामले में संभावित रूप से जेल जाने से बचे हैं। उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने अंतिम क्षण में उन्हें 480 करोड़ रुपए की मदद देकर जेल जाने से बचा लिया।
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इससे पहले उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने उन्हें 480 करोड़ रुपये की मदद देकर उन्हें जेल जाने से बचा लिया। आरकॉम को सुप्रीम कोर्ट ने यह राशि एरिक्सन को चुकाने का निर्देश दिया था। एरिक्सन ने पिछले साल आरकॉम को एनसीएलटी में घसीटा था