अशोक कुमार
NEP 2020 एक व्यापक शिक्षा सुधार योजना है, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को विश्व स्तरीय बनाना है। हालांकि, इस नीति के कुछ पहलुओं को लेकर चिंताएं भी व्यक्त की जा रही हैं, जिनमें से एक है शिक्षा का व्यावसायीकरण।
शिक्षा का व्यावसायीकरण क्या है?
शिक्षा का व्यावसायीकरण एक ऐसी स्थिति है जिसमें शिक्षा को एक उत्पाद के रूप में देखा जाता है और इसे अधिकतम लाभ के लिए बेचा जाता है। इस स्थिति में, शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना नहीं होता है, बल्कि पैसा कमाना होता है।
NEP 2020 और शिक्षा का व्यावसायीकरण
कुछ लोग मानते हैं कि NEP 2020 के कुछ प्रावधान शिक्षा के व्यावसायीकरण को बढ़ावा दे सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख चिंताएं हैं:
• निजीकरण: NEP 2020 निजी शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देता है। हालांकि, निजीकरण के साथ ही शिक्षा की लागत भी बढ़ सकती है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
• व्यावसायिक शिक्षा पर जोर: NEP 2020 व्यावसायिक शिक्षा पर अधिक जोर देता है। हालांकि, व्यावसायिक शिक्षा को भी लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे छात्रों को रोजगार के बजाय पैसा कमाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।
• कॉर्पोरेट भागीदारी: NEP 2020 कॉर्पोरेट क्षेत्र को शिक्षा में अधिक शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है। हालांकि, कॉर्पोरेट भागीदारी के साथ ही शिक्षा का पाठ्यक्रम भी कॉर्पोरेट हितों के अनुरूप हो सकता है, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास प्रभावित हो सकता है।
क्या NEP 2020 वास्तव में शिक्षा का व्यावसायीकरण कर रहा है?
यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि NEP 2020 शिक्षा का व्यावसायीकरण कर रहा है। नीति अभी लागू होने के शुरुआती चरण में है और इसके दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन करने के लिए अभी और समय की आवश्यकता है।
हालांकि, यह जरूरी है कि हम NEP 2020 के उन पहलुओं पर नजर रखें जो शिक्षा के व्यावसायीकरण को बढ़ावा दे सकते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ और सस्ती रहे, और यह कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना ही रहे, न कि पैसा कमाना।
शिक्षा के व्यावसायीकरण को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
• सार्वजनिक शिक्षा में निवेश: सरकार को सार्वजनिक शिक्षा में अधिक निवेश करना चाहिए ताकि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
• नियमन: सरकार को निजी शिक्षण संस्थानों पर कड़े नियम लागू करने चाहिए ताकि वे शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रख सकें और शिक्षा की लागत को नियंत्रित कर सकें।
• समाज का जागरूकता: हमें शिक्षा के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना होगा और उन्हें यह समझाना होगा कि शिक्षा केवल एक व्यापार नहीं है, बल्कि एक मौलिक अधिकार है।
निष्कर्ष
NEP 2020 एक महत्वाकांक्षी नीति है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह शिक्षा के व्यावसायीकरण को बढ़ावा न दे। हमें शिक्षा को एक व्यापार के रूप में देखने के बजाय, इसे एक सामाजिक कल्याण के रूप में देखना चाहिए।
(लेखक पूर्व कुलपति कानपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय , विभागाध्यक्ष राजस्थान विश्वविद्यालय रह चुके हैं)