- सीएम ने छोटे उद्यमियों को बांटा 16 हजार करोड़ का लोन
- सीएम का ऐलान हर परिवार के एक व्यक्ति को देंगे नौकरी/रोजगार
- अखिलेश यादव सरकार ने नहीं दी थी एमएसएमई सेक्टर को तबज्जो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार एक और पहल की. इसके तहत सरकार ने राज्य में आयोजित वृहद ऋण मेला के अंतर्गत 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया.
खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में कुछ लाभार्थियों को ऋण के चेक वितरित किए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना का शुभारम्भ भी किया. मुख्यमंत्री ने यह ऐलान भी किया कि प्रदेश सरकार छोटे उद्यमियों की मदद तो कर रही रही है और अब जल्दी ही सरकार एक ऐसी योजना लाएगी जिसमें हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, रोजगार या स्वतः: रोजगार से जोड़ा जाएगा.
हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने या रोजगार से जोड़ने का वादा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संकल्प पत्र में यह वादा किया गया था, जिसे जल्द ही पूरा करने का संकेत मुख्यमंत्री ने गुरूवार को दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हैं, जिसके चलते ही बीते पांच वर्षों में यह सेक्टर यूपी में एक बड़ी ताकत बन गया है.
अखिलेश सरकार में यह सेक्टर पूरी तरह से उपेक्षित रहा था. वर्ष 2016-17 में अखिलेश सरकार ने 6,35,583 एमएसएमई इकाईयों को 27,202 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया था, जबकि योगी सरकार के बीते कार्यकाल के दौरान एमएसएमई सेक्टर में कारोबार करने के लिए 95,37,900 लोगों ने 2.50 लाख करोड़ रुपए का ऋण लिया था. जिसके चलते यूपी में इस सेक्टर की तस्वीर बदली. अब देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां यूपी में हैं और प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों के चलते इस सेक्टर में लगातार निवेश बढ़ रहा है. हर जिले में नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हो रही है. कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान भी इस सेक्टर में करीब डेढ़ लाख से अधिक नई इकाइयां इस सेक्टर में लगाई गई.
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए विशेष ध्यान के चलते यूपी में एमएसएमई के कारोबारियों का बीजेपी के लिए एक नया कोर वोट बैंक तैयार हो गया है. ऐसे में अब इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी इस नई सरकार में एमएसएमई इकाइयां लगाने वाले उद्यमियों को ऋण मुहैया कराने की शुरुआत गुरूवार को की.
एमएसएमई योजना के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ओडीओपी वित्त पोषण योजना के लाभार्थियों को भी इसका लाभ मिलता है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ की वार्षिक ऋण योजना का भी शुभारंभ हो रहा है जिससे कि प्रदेश के उद्यमियों और हस्तशिल्पियों की मदद की जा सके और प्रदेश को आर्थिक रूप से विकसित बनाया जा सके.
मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद एक जनपद एक उत्पाद योजना की शुरुआत होने के गांव गांव में लोगों को अपना उद्यम शुरू करने का मौका मिला है.
आज एक लाख 56 हजार करोड़ रुपए के प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट हो रहे हैं. हस्तशिल्पी और कारीगरों ने अपने कौशल से रोजगार शुरू कर यूपी की तस्वीर बदल रहे हैं. सरकार भी ऐसे उत्साही लोगों को ऋण मुहैया कराकर उनके हौसलों को बढ़ावा दे रही है.