Friday - 24 January 2025 - 12:32 PM

सीएम योगी आज मिल्कीपुर में जनसभा को करेंगे संबोधित, जानें सपा या भाजपा किसका पलड़ा भारी

जुबिली न्यूज डेस्क 

उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का घमासान अब तेज होता जा रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आज मिल्कीपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे तो वहीं समाजवादी पार्टी से अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिंपल यादव जल्द ही पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते दिखाई देंगे.

मिल्कीपुर में इस बार सपा और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर हैं ऐसे में तमाम सियासी पंडित इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं कि दोनों में किसका पलड़ा भारी पड़ेगा. मिल्कीपुर सीट बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए नाक का सवाल बन गई है. बीजेपी इस सीट पर चुनाव जीतकर लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने के इरादे से मैदान में हैं तो वहीं अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद खाली हुई ये सीट सपा के लिए भी अहम है. मिल्कीपुर में जीत का सारा दारोमदार इस बार यहां के जातीय समीकरण पर है जो इस लड़ाई में गेमचेंजर साबित हो सकता है.

आंकड़ों के मुताबिक मिल्कीपुर में करीब 3.58 लाख मतदाता है. इनमें दलित और ओबीसी समाज के मतदाता खासा प्रभाव रखते हैं. यहां पासी और पिछड़े वर्ग में यादवों की संख्या सबसे ज्यादा है. दलित और पिछड़े के साथ यहां मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक संख्या में हैं. ऐसे में सपा पीडीए फॉर्मूले के सहारे दम भर रही है. लोकसभा चुनाव में सपा को इसका फायदा भी मिला था और बड़ी संख्या में दलित व पिछड़े समुदाय के लोग सपा के साथ जुड़े थे.

बीजेपी ने इस बार सपा के इसी फॉमूले को तोड़ने की कोशिश की है. इसकी एक झलक पार्टी के प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के तौर पर देखने को भी मिलती है. बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतार सपा के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की तो वहीं पार्टी का पूरा फोकस ओबीसी वोट बैंक पर भी है. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पिछड़ों ने सपा को वोट दिया था, जिसके भाजपा फिर से अपने साथ जोड़ने में जुटी है.

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मिल्कीपुर में पासी बिरादरी के 55 हज़ार वोटर, मुस्लिम 30 हज़ार, यादव 55 हजार, ब्राह्मण 60 हजार, क्षत्रिय और वैश्य मिलाकर 45 हज़ार और अन्य जातियों में 20 हजार कोरी 18 हजार चौरसिया, पाल और मौर्य वोटर्स भी शामिल हैं. सवर्ण वोटबैंक बीजेपी के हमेशा साथ रहा है और अब पार्टी ने दलित और पिछड़ों को भी जोड़ना शुरू कर दिया है. पार्टी ने इसके लिए प्रदेश के 6 मंत्रियों को जीत की जिम्मेदारी दी है. दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी समय-समय पर यहां के दौरे कर रहे हैं.

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