प्रमुख संवाददाता
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 18 जिलों में वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य अधिकारियों को भेज दिया है। इन 18 जिलों में कोरोना के 20 या उससे अधिक मामले हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को यह निर्देश दिया था। उसी निर्देश के अनुपालन में आज अधिकारियों को रवाना कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा था कि यूपी के जिन 18 जिलों में 20 या उससे अधिक केस हैं वहां का ज़िम्मा वरिष्ठ आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया जाए। इस आदेश के अनुपालन में जिन पुलिस अधिकारियों को ज़िम्मेदारी दी गई है उनमें आगरा का ज़िम्मा आगरा ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनन्द, फिरोजाबाद में आगरा परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ए।
सतीश गणेश, लखनऊ का ज़िम्मा पुलिस आयुक्त सुजीत पाण्डेय, रायबरेली का ज़िम्मा लखनऊ परिक्षेत्र के आईजी एस।के।भगत, सीतापुर का ज़िम्मा मुख्यालय की अपर पुलिस महानिदेशक श्रीमती नीरा रावत, मेरठ का ज़िम्मा मेरठ ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत वर्मा, गाज़ियाबाद का ज़िम्मा मेरठ परिक्षेत्र के आईजी प्रवीण कुमार, गौतम बुद्ध नगर का ज़िम्मा वहां के पुलिस आयुक्त और बुलंदशहर का ज़िम्मा आईजी यातायात दीपक रतन को सौंपा गया है।
इसी तरह से कानपुर नगर का ज़िम्मा कानपुर ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायण सिंह, औरैया का ज़िम्मा कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल, मुरादाबाद का ज़िम्मा मुरादाबाद परिक्षेत्र के आईजी रमित शर्मा, बिजनौर का ज़िम्मा पीएसी के आईजी राम कुमार, अमरोहा का ज़िम्मा फायर सर्विस के आईजी विजय प्रकाश, संभल का ज़िम्मा पीएसी पश्चिम, मुरादाबाद के आईजी अमित चन्द्रा, सहारनपुर का ज़िम्मा सहारनपुर परोक्षेत्र के आईजी उपेन्द्र अग्रवाल, शामली का ज़िम्मा भर्ती बोर्ड के आईजी विजय भूषण और बस्ती का ज़िम्मा बस्ती परिक्षेत्र के आईजी आशुतोष कुमार को सौंपा गया है। यह सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में रवाना हो गए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन 18 जिलों में आईएएस अधिकारियों के साथ जो चिकित्सा अधिकारी भेजे गए हैं वह अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में एक सप्ताह रूककर विभिन्न कामों का पर्यवेक्षण करेंगे। सामुदायिक रसोई से लेकर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज इत्यादि की व्यवस्था पर नज़र रखेंगे।इसी तरह से जो आईपीएस अधिकारी गए हैं वह लॉक डाउन और क़ानून व्यवस्था का जायजा लेंगे।