जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड से गांवों को सुरक्षित रखना है इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करना होगा। निगरानी कमेटियों को सक्रीय भूमिका का निर्वाहन करना होगा। गांवो में सैनिटाइजेशन का अभियान तेज करना होगा। अधिक से अधिक टेस्ट होने चाहिए।
सीएम योगी बरेली में कोविड-19 से निजात के लिए किए जा रहे प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा करने आए थे। उन्होंने कहा कि निगरानी कमेटियां गांवों में स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं और स्क्रीनिंग कमेटी ही गांव को जागरूक कर रही हैं। हमें हर हालत में गांव के लोगों को कोरोना से बचाना है।
ये भी पढ़े:लोहिया चिकित्सा संस्थान की खुली पोल, ऑक्सीजन प्लांट मौजूद लेकिन वार्डों में पड़े हैं ताले
ये भी पढ़े: CM शिवराज ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर क्या चर्चा की
उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी वक्त करते हुए कहा कि बरेली में उनकी सिफारिश पर कोई मरीज भर्ती नहीं हो रहा है। निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी दाम वसूल रहे है। मेडिकल उपकरण चौगुने रेट पर बिक रहे हैं। दवाओं का अकाल है। प्रशासन की निजी अस्पताओं, सर्जिकल उपकरणों की दुकानों पर कोई नियंत्रण नहीं है।
ये भी पढ़े: यूपी में निकल चुका है कोरोना का पीक? जानें एक्सपर्ट की राय
ये भी पढ़े: नए मरीजों की संख्या 26 हजार पार, 34 हजार से अधिक मरीज ठीक हुए
योगी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में कमी आई है। मिशन मोड में काम करते हुए कोरोना पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए हम कृत संकल्पित हैं। कोरोना टेस्ट तथा कांटेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट स्थित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण करने के बाद कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक में कहा कि जितनी भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं, उनको निर्मूल साबित करते हुए हमें कोरोना पर विजय प्राप्त करनी है।
साथ ही कोरोना के जिस तीसरे चरण की आशंका व्यक्त की जा रही है उसके लिए भी विशेष तैयारियां करनी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक मई से अब तक 65000 कोरोना के एक्टिव केसेज कम हुए हैं और पिछले एक सप्ताह में पाजिटिविटी रेट में कमी आई है और रिकवरी रेट भी बढ़ा है। इस सकारात्मक बदलाव को हमें आगे भी बनाए रखना है।
उन्होंने कहा कि कांटेक्ट ट्रेसिंग तथा टेस्टिंग पर और अधिक जोर दिया जाए, प्रयास यह होना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति, उसके सम्पर्क आदि कोई भी टेस्टिंग से छूट न जाए ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि बरेली मंडल में भी टेस्ट और कांटेक्ट ट्रेसिंग की रफतार बढ़ाने की आवश्यकता है।
योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वेंटीलेटर तथा अन्य मेडिकल उपकरण कार्यशील रहें, इनका प्रयोग अवश्य किया जाए। उन्होंने कहा कि बरेली मंडल के सभी जिलों में मेडिकल उपकरणों की नियमित समीक्षा की जाए और उनके समुचित उपयोग को सुनिश्चित किया जाए। जिन अस्पतालों में मैनपावर की कमी है, उसके लिए शासन स्तर पर तत्काल पत्र व्यवहार कर उसे पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर कोरोना से निपटने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे संसाधनों को जिला प्रशासन तत्परता से प्राप्त करने के प्रयास करे। उन्होंने कहा कि कार्यों के निष्पादन में जिला स्तर पर भी कमेटियों को गठन होना चाहिए। उन्होने कहा कि कोई भी व्यक्ति कोरोना वैक्सीन से वंचित नहीं रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आईसोलेशन के रोगियों को घरों पर ही दवाइयों के किट उपलब्ध कराने में अभी तक सफलता प्राप्त होने के समाचार मिल रहे हैं। यह कार्य इसी प्रकार जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के रोकने के लिए निगरानी समितियों को और अधिक सक्रिय किया जाए।
उन्होंने बैठक में शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत और बरेली के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत निगरानी समितियों का ब्यौरा जिलाधिकारियों से प्राप्त किया और कहा कि आरआरटी तथा आशा कार्यकत्रियों आदि को भी इस कार्य के लिए सक्रिय किया जाए।
योगी ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर इन सभी का समन्वय किया जाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को और गति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने बरेली मंडल के सभी जिलाधिकारियों से कहा कि एम्बुलेंस का किराया निर्धारित कर दिया जाए ताकि रोगियों के आवागमन की सुविधा में व्यवधान न आने पाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि श्माशान घाटों पर भी निगरानी रखी जाए और वहां पर यदि कोई समस्या आ रही है तो प्राथमिकता पर उसका निस्तारण किया जाए।
साथ ही कोरोना के अलावा कैंसर और ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के लिए नान कोविड अस्पतालों में आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।