- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे की निर्माण कंपनियों को मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित कराए- मुख्यमंत्री
- लिंक एक्सप्रेस वे बनने से लखनऊ से गोरखपुर तक मिलेगा एक और वैकल्पिक मार्ग
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को यूपीडा और निर्माण कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक की।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सिकरीगंज स्थित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और कम्हरिया घाट पर निर्माणाधीन घाघरा पुल का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चिति कराई जाए। एक्सप्रेस-वे निर्माण कंपनियों ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि मार्च 2022 तक लिंक एक्सप्रेस-वे बन कर तैयार हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे की निर्माण कंपनियों को मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वहां पौधारोपण भी किया।
यह भी पढ़ें : कोरोना से उबरे तो फिर लग गई कोविड इकाई में ड्यूटी, किया आमरण अनशन का एलान
यह भी पढ़ें : साइबर अटैक में चोरी हो गया ह्यूमन ट्रायल का रिकार्ड
यह भी पढ़ें : साप्ताहिक बाज़ार खुलने से खिले व्यापारियों के चेहरे, योगी सरकार का जताया आभार
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : 28 बरस हो गए राम को बेघर हुए
मुख्यमंत्री ने पीजीसीआईएल, पावर ट्रांसमिशन और पावर कारपोरेशन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह विद्युत लाइनों के विस्थापन के कार्य को शीर्ष प्राथमिकता पर करें।
उन्होंने मिट्टी के तटबंधों के निर्माण कार्य को आगामी बरसात से पूर्व ही पूर्ण कराने के निर्देश दिए। वहीं, यूपीडा के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को घाघरा नदी पर बनने वाले पुल के बारे में जानकारी दी।
यूपीडा के चेयरमैन अवनीश अवस्थी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि घाघरा नदी पुल पर 50 वेल में से 18 पर काम शुरू हो गया है, शेष वेल बनाने का काम बरसात आने से पहले शुरू हो जाएगा।
मौके पर निर्माण कंपनी एपको और डिलीट बिल्ड कार्न के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि मार्च 2022 तक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे काम पूरा हो जाएगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे बनने के बाद लखनऊ से गोरखपुर आवागमन का एक और वैकल्पिक मार्ग तैयार हो जाएगा।
गौरतलब है कि पूर्वांचल में विकास को रफ्तार देने के लिए प्रदेश सरकार लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक सिक्स लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है।
एक्सप्रेस वे को गोरखपुर से जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ ही अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे को भी समय से पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री विशेष प्रयास कर रहे हैं।
पूर्वांचल एक्स्प्रेस वे से गोरखपुर को जोड़ने वाला लिंक गोरखपुर से निकल कर सदर, सहजनवा और खजनी तहसील होते हुए घनघटा तहसील के चार गांव से होकर जाएगा अम्बेडकरनगर होते हुए आजमगढ़ जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में जाकर मिल जाएगा।
लिंक एक्सप्रेस वे कुल लंबाई- 91.352 किमी है, जिसमें भविष्य को ध्यान मे रखते हुए छह लेन का स्ट्रक्चर बनेगा पर शुरुवात में चार लेन की सड़क बनेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
छह लेन की पूर्वांचल एक्सप्रेस गाजीपुर जिले को राज्य की राजधानी लखनऊ समेत आज़मगढ़ और अयोध्या से जोड़ेगी। 340.824 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का निर्माण 22,494 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
यह लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर सहित नौ जिलों से होकर गुजरेगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के अनुसार, एक्सप्रेसवे को मार्च 2021 तक जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जुलाई, 2018 को आज़मगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। इस योजना पर अब तक करीब 68 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। यह 302 किमी लंबे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और आगरा से दिल्ली तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा होगा।