न्यूज डेस्क
घर जाने की आस लिए लगभग 40 दिनों से बेरोजगार बैठे हुए भूखे मजदूरों के टिकट पर हर राजनीतिक पार्टी सियासत चमकाने की कोशिश में लगी हुई हैं। कांग्रेस के बाद अब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के मुखिया ने मजूदरों से टिकट का किराया लेने पर सरकार को कोसा है। तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग पहले गरीबों का पैसा हड़प जाते थे। वे ही अब मजदूरों पर राजनीति कर रहे हैं।
इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके कहा कि यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पायेंगी। बसपा की यह माँग है।
असंवेदनशील केंद्र सरकार व रेलवे मुंबई के मज़दूरों की ट्रेन चलाने की पुकार न जाने कब सुनेगी. संकट के समय मज़दूर भावनात्मक रूप से अपने घर और घरवालों से दूरी महसूस कर रहे हैं. गुजरात में भी कई जगह अशांति है.
देशभर के मज़दूरों को लग रहा है कि अब वो भाजपा सरकार के बंधक बन गये हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 5, 2020
ऐसी स्थिति में बसपा का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बसपा अपने सामर्थवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी।
वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि असंवेदनशील केंद्र सरकार व रेलवे मुंबई के मज़दूरों की ट्रेन चलाने की पुकार न जाने कब सुनेगी। संकट के समय मज़दूर भावनात्मक रूप से अपने घर और घरवालों से दूरी महसूस कर रहे हैं। गुजरात में भी कई जगह अशांति है। देशभर के मज़दूरों को लग रहा है कि अब वो भाजपा सरकार के बंधक बन गये हैं।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर दर ठोकर खा रहे हैं-यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है। जब हम विदेश में फँसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं।
इसके बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया। उन्होंने आगे लिखा कि ..जब रेल मंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी।