जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अचानक उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया. अपर पुलिस महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. विवादों से पुराना नाता रखने वाले मुकुल गोयल पर विभागीय कार्यों में रूचि न लेने और शासकीय आदेशों की अवहेलना का गंभीर आरोप लगा था. उन्हें महानिदेशक नागरिक सुरक्षा बना दिया गया है. मुकुल गोयल को हटाये जाने के बाद डीजी इंटेलिजेंस डी.एस. चौहान, आनंद कुमार और आर.के.विश्वकर्मा के नामों की चर्चा शुरू हो गई है. इन्हीं तीनों में से कोई एक सूबे की पुलिस की बागडोर संभालेगा.
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी साल 2000 एसएसपी थे तब एक विधायक की हत्या हो गई थी और उन्हें निलंबित होना पड़ा था. इसके बाद पुलिस भर्ती घोटाले में भी उनका नाम जुड़ा था. मोहर्रम के दौरान डीजीपी मुकुल गोयल ने एक अति गोपनीय पत्र में लखनऊ के मोहर्रम को लेकर कई विवादित बातें कहीं थीं. यह गोपनीय पत्र लीक होकर वायरल हो गया था. इस पत्र से पुलिस प्रशासन की खूब किरकिरी हुई थी. एक मुस्लिम धर्मगुरु ने डीजीपी के उस बयान की तुलना अबूबक्र बगदादी से की थी. इसके बाद पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आ गया था.
मुकुल गोयल ने नैनीताल से बतौर अपर पुलिस अधीक्षक अपना सफ़र शुरू किया था. बरेली, अल्मोड़ा, जालौन, मैनपुरी, आंगढ़, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर और मेरठ का सफ़र करते हुए वह पुलिस विभाग में सर्वोच्च पद तक पहुंचे.
अपर पुलिस महानिदेशक बीएसएफ के पद पर रहते हुए उन्हें दो जुलाई 2021 को प्रमोट कर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था. पुलिस महानिदेशक बनने के बाद उन पर शासकीय आदेशों की अवहेलना और अपने काम में रूचि न लेने जैसा गंभीर आरोप लगा. इन आरोपों के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें पद से मुक्त कर दिया.
यह भी पढ़ें : यूपी में 4 आईपीएस अधिकारियों का तबादला, प्रयागराज एसएसपी बनाए गए अजय कुमार
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : उसके कत्ल पे मैं भी चुप था, मेरा नम्बर अब आया