न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा अपने घर से दूर रहे श्रमिक और कामगार पीड़ित हैं। लाक डाउन के वजह बेरोजगार हो चुके श्रमिकों के सामने अपने घर लौटने के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा है। सरकारी सुविधाओं से वंचित ये कामकार सड़क और रेलवे ट्रैक पर पैदल चलकर या ट्रकों में बैठकर अपने मूल निवास की ओर चल दे रहें हैं। इनमें कुछ तो घर पहुंच जा रहे हैं लेकिन कई बीच में ही हादसे का शिकार हो जा रहें और अपनी जान गवां दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना वायरस की जंग मजबूती से लड़ रही है। यही कारण है कि मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन में अब तक करीब डेढ़ महीने में दूसरे राज्यों की तुलना में यूपी में सबसे कम मौतें हुई हैं। यूपी में अब तक 95 लोगों की मौत हुई है। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू ये है कि महज 20 दिनों में उत्तर प्रदेश में 70 लोगों की सड़क दुघर्टना में मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा घायल हैं। ये एक्सीडेंट ज्यादा प्रवासी मजदूरों, कामगारों से जुड़े हैं। जो काम धंधा बंद होने के बाद दूसरे राज्यों से अपने घर लौट रहे हैं।’
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उधर सड़क दुर्घटनाओं को लेकर खुद सीएम योगी भी लगातार गंभीर हैं। वह लगातार अपील कर रहे हैं कि प्रवासी मजदूर और कामगार किसी भी ट्रक या गैर सवारी वाले वाहन का उपयोग न करें। पैदल न चलें। यही नहीं मुख्यमंत्री ने तो अब यहां तक आदेश दे दिया है कि अगर कोई ट्रक या गैर सवारी वाहन मजदूरों या कामगारों को बिठाता पाया जाता है तो उसके वाहन मालिक और ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
यूपी सरकार का आदेश है कि किसी भी प्रवासी को सड़क, रेल ट्रैक पर चलने की इजाजत नहीं मिलेगी। लेकिन सीएम के इस आदेश के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। किसी भी हाईवे पर निकल जाइए लगातार लोगों के घर लौटने का सिलसिला जारी मिलेगा।
सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की बात करें तो आज औरैया सड़क हादसे में ही 25 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले मुजफ्फरनगर में 6, बाराबंकी में 5, जालौन, उन्नाव, कानपुर देहात, प्रयागराज, महाराजगंज, मुरादाबाद में 2-2 और झांसी में एक मौत हो चुकी है। झांसी में ही आज पति-पत्नी श्रमिक पैदल पहुंचते ही गर्भवती पत्नी को बच्चा पैदा हुआ जो मर गया उसी में पत्नी की भी मौत हो गयी। बाद में सदमें के कारण पति की मौत हो गयी। ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा उन्नाव में लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर बिहार आॅटो से जा रहा परिवार की टक्कर लोडर से हो गयी, इसमें दम्पत्ति की मौत हो गयी। उनका 5 वर्षीय बेटा अनाथ हो गया।
मौत केवल सड़क पर ही श्रमिकों का पीछा नहीं कर रही बल्कि क्वारंटीन सेंटरों पर भी कामगारों का अपना निशाना बना रही है। कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र में भूख से बिलबिलाते बच्चे को देखकर एक व्यक्ति ने फांसी लगा ली।
लोक भवन में टीम-11 के साथ बैठक के दौरान औरैया में दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को भी आड़े हाथ लिया है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि सरकार कोरोना वायरस के देश तथा प्रदेश में संक्रमण पर अंकुश लगाने में लगी है। सारे अफसरों के साथ देश की जनता भी कोरोना से जंग जीतने की मशक्कत कर रही है, ऐसे मेें भी विपक्ष के नेता नकारात्मक राजनीति में लगे हैं। अब तो ऐसे दलों से इस संकट की बड़ी आपदा में भी अच्छे की उम्मीद करना बेमानी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस समय तो पूरा देश कोरोना के खात्मे की लड़ाई में जुटा हुआ है। जिन्होंने कभी अच्छा काम नहीं किया, उनसे अच्छे की उम्मीद करना बेमानी है। आज तो दुनिया के बड़े शक्तिशाली देशों की भी क्या हालत है, यदि विपक्ष इसको तुलनात्मक ढंग से देखता या अपने शासन काल में भी कुछ अच्छा करने का प्रयास किया होता, तो उन्हेंं समझ आता कि ये समय सहयोग करने का है न कि नकारात्मक राजनीति करने का।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के साथ अन्य विपक्षी दलों का देश की जनता, गरीब और किसानों के प्रति हमेशा से रवैया नकारात्मक रहा है। अब ऐसे संकटकाल में भी यह लोग किसी की सहायता नहीं कर रहे हैं। सरकार अपने काम में लगी है और यह लोग सरकार का सहयोग करना तो दूर, यह तो मदद के कामों में भी अडंगा डाल रहे हैं।