जुबिली न्यूज डेस्क
राजधानी लखनऊ में मंगलवार को विश्व दिव्यांग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरित किए। साथ ही मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
इस मौके पर सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस भी है। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती भी है। वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे, देश की संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे।
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कई महापुरुषों का दिया उदाहरण
कहा कि दिव्यंगता एक शारीरिक कम मानसिक स्थिति मानी जाती है। उन्होंने ऋषि अष्टावक्र और सूरदास को याद करते हुए कहा कि उनके बिना श्री कृष्ण कथा पूरी हो सकती है क्या? दुनिया को फिजिक्स की नई थ्योरी देने वाले वैज्ञानिक को याद कीजिए। याद कीजिए स्वामी रामभद्राचार्य जी को।
कहा कि ऐसे अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्हें मंच मिला, समाज का थोड़ा प्रोत्साहन और संबल मिला तो उन्होंने अपनी प्रतिभा का लाभ मानवता देश को दिया है। यह साबित किया कि हम किसी से कम नहीं हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि आज राज्य के अंदर दो-दो दिव्यांग विश्वविद्यालय हैं।
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उनके लिए कॉलेज अलग से संचालित है। लेकिन, मेरा मानना है कि इन कॉलेज की संख्या और बढ़ाई जानी चाहिए। इसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों को अधिक सुविधाएं और मानदेय मिलना चाहिए। आज 21 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 46 विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया है। सम्मानित होने वाले छात्रों ने 90-95 फीसदी तक अंक प्राप्त किए हैं।