पॉलिटिकल डेस्क।
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में अखिलेश यादव के साथ भगवा वस्त्र पहने एक शख्स नजर आ रहा है जिसका हुलिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ से मिल रहा है। इस फोटो में नजर आ रहे बाबा को योगी आदित्यनाथ का भाई बताया जा रहा है।
पियूष कुमार नाम के एक ट्विटर यूजर ने भी अखिलेश यादव के साथ भगवाधारी बाबा की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि महागठबंधन को मिला योगी के भाई असितनाथ विष्ट का समर्थन |
महागठबंधन को मिला योगी के भाई असितनाथ विष्ट का समर्थन |
बोले मुझे शर्म आती है अपने भाई योगी पर…. pic.twitter.com/H94rLgmZlj— Piyush Kumar (@PiyushK39643888) May 4, 2019
इस फोटो के सामने आते ही हमने इसकी पड़ताल शुरू की तो मालूम हुआ कि तस्वीर में नजर आने वाला शख्स सीएम योगी आदित्यनाथ का भाई नहीं है।
दरअसल सबसे पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के ट्विटर को चेक किया गया तो वहां एक ट्वीट मिला जिसमें अखिलेश यादव ने भगवाधारी बाबा के साथ दो फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि हम नक़ली भगवान नहीं ला सकते पर एक बाबा जी लाए हैं। ये हमारे साथ गोरखपुर छोड़ प्रदेश में सबको सरकार की सच्चाई बता रहे हैं।
हम नक़ली भगवान नहीं ला सकते पर एक बाबा जी लाए हैं। ये हमारे साथ गोरखपुर छोड़ प्रदेश में सबको सरकार की सच्चाई बता रहे हैं। pic.twitter.com/GxlS0LYb6z
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 4, 2019
अखिलेश यादव के इस ट्वीट से ही स्पष्ट हो जाता है कि यह शख्स सीएम योगी का भाई नहीं है, क्योंकि ऐसा होता तो अखिलेश यादव उसे ‘एक बाबा जी’ कहने की बजाय योगी आदित्यनाथ के भाई के संबोधन से परिचय करवाते।
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खैर हमने और आगे पड़ताल की तो मालूम हुआ कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में अखिलेश यादव ने सीएम योगी की शक्ल वाले इस शख्स के साथ मंच साझा करते हुए दिखे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हमशक्ल को भगवाधारी वेष में अखिलेश के साथ देखकर लोग हैरान और परेशान होने लगे।
हालांकि कुछ देर बाद अखिलेश यादव ने ही उसकी असलियत से पर्दा उठा दिया। उन्होंनेजनता से कहा कि अब तो इनका भी समर्थन मिल गया कुछ चाहिए आपको। अखिलेश ने कहा कि यह जा रहे थे गोरखपुर लेकिन हम इन्हें बाराबंकी ले आए।
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हमने थोड़ी और पड़ताल की तो एक न्यूज़ वेबसाइट में भी योगी के हमशक्ल की जानकारी दी गई थी। वेबसाइट के मुताबिक, इस भगवाधारी शख्स का नाम सुरेश ठाकुर है। जोकि लखनऊ के कैंट इलाके में रहता है। इतना ही नहीं सुरेश ठाकुर ने 16 अप्रैल को लखनऊ लोकसभा सीट से नामांकन भी किया था।
मौलिक अधिकार पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करने वाले सुरेश ठाकुर का बाद में पर्चा खारिज हो गया। इसके बाद उसने समाजवादी पार्टी के समर्थन का फैसला करते हुए चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया।